वन विभाग द्वारा इस वर्षा ऋतु में वन समितियों के माध्यम से बांस रोपण के विशेष प्रयास किये गये है। वन अनुसंधान और विस्तार की रोपणियों में तैयार किये गये पौध प्रथम आवे, प्रथम पावें के आधार पर जन साधारण विशेषकर ग्रामीणों को उपलब्ध कराये जा रहें है।
उल्लेखनीय है कि ग्रीन गोल्ड के रूप में विख्यात बांस सबसे तेजी से बढ़ने वाला तथा उत्पादकता देने वाला वृक्ष है। प्रदेश की वन समितियों द्वारा अपने कार्यक्षेत्र में सदस्यों के माध्यम से बांस के पौधे तथा राइजोम के रोपण का कार्य किया जा रहा है। वन समितियों द्वारा मांगे जाने पर पांच रूपये प्रति पौधे की दर से बांस के पौधे तथा एक रूपये प्रति राइजोम की दर से रोपण योग्य राइजोम वन अनुसंधान रोपणियों में उपलब्ध कराये जा रहे है।
प्रदेश के शिक्षण संस्थानों तथा शासकीय विभागों को न लाभ न हानि के आधार पर निर्धारित दर पर पौधे उपलब्ध करायें जा रहे है। इस वर्ष भारत सरकार रक्षा मंत्रालय के अधीन संस्थानों के पास उपलब्ध स्थलों पर रोपण का कार्य पर्यावरण वानिकी के तहत करने का प्रावधान रखा गया है। इसके लिये संबंधित संस्थान के नियत्रणकर्ता अधिकारी को इन पौधो के रोपण तथा सुरक्षा के दायित्व का वचन पत्रा देना होगा।
उल्लेखनीय है कि ग्रीन गोल्ड के रूप में विख्यात बांस सबसे तेजी से बढ़ने वाला तथा उत्पादकता देने वाला वृक्ष है। प्रदेश की वन समितियों द्वारा अपने कार्यक्षेत्र में सदस्यों के माध्यम से बांस के पौधे तथा राइजोम के रोपण का कार्य किया जा रहा है। वन समितियों द्वारा मांगे जाने पर पांच रूपये प्रति पौधे की दर से बांस के पौधे तथा एक रूपये प्रति राइजोम की दर से रोपण योग्य राइजोम वन अनुसंधान रोपणियों में उपलब्ध कराये जा रहे है।
प्रदेश के शिक्षण संस्थानों तथा शासकीय विभागों को न लाभ न हानि के आधार पर निर्धारित दर पर पौधे उपलब्ध करायें जा रहे है। इस वर्ष भारत सरकार रक्षा मंत्रालय के अधीन संस्थानों के पास उपलब्ध स्थलों पर रोपण का कार्य पर्यावरण वानिकी के तहत करने का प्रावधान रखा गया है। इसके लिये संबंधित संस्थान के नियत्रणकर्ता अधिकारी को इन पौधो के रोपण तथा सुरक्षा के दायित्व का वचन पत्रा देना होगा।
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