इंदौर संभाग में रबी में उत्पादन बढ़ाने की कार्य योजना बनायी जायेगी, इसमें अलग-अलग फसल और भूमि के अनुसार योजना बनायी जायेगी। इंदौर संभाग में रबी के मौसम में 6 लाख 89 हजार हेक्टेयर में फसल लेने का कार्यक्रम तैयार किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 14 प्रतिशत अधिक है।
खरीफ में इस वर्ष संभाग में 20 लाख 8 हजार हेक्टर क्षेत्र में बोनी की गयी है। यह जानकारी इंदौर में गुरुवार को कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती रंजना चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित रबी के प्रस्तावित कार्यक्रम की समीक्षा बैठक में दी गयी।
कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती चौधरी ने कहा कि संभाग में कृषि उत्पादन बढ़ाने की रणनीति बनाई जाये, जिसमें भूमि एवं जल प्रबंधन, बीज प्रतिस्थापन, सिंचाई प्रबंधन, पौध संरक्षण और उन्नत कृषि यंत्र प्रबंधन को शामिल किया जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि प्रत्येक जिले में समन्वित जिला कृषि विकास योजना कलेक्टर अपने मार्गदर्शन में बनवायें।
उन्होंने अधिकारियों को राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना में भूमि और जल प्रबंधन के तहत खेत सुधार योजना पर अधिक से अधिक काम कराने के लिये कहा। अधिकारीगण प्रत्येक जिले में जल संसाधनों की क्षमता का वास्तविक आंकलन करें। क्रेडिट प्लान के तहत सभी लघु और सीमांत किसानों को सहकारी समिति का सदस्य बनाने के लिये विशेष मुहिम चलायी जाये। जिला स्तर पर फसलों की इकाई लागत का पुनर्निधारण किया जाये।
समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव कृषि श्री आई.एस. दाणी ने कहा कि प्रत्येक जिले में बीज उत्पादन कार्यक्रम चलाया जाये, प्रत्येक जिला बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर बने। सभी जिलों में भूमि उर्वरकता का नक्शा बनाया जाये। रबी में बीज ग्राम योजना का क्रियान्वयन प्राथमिकता से कराया जाये। बैठक में संचालक कृषि डॉ. डी.एन. शर्मा ने रबी की तैयारियों की जानकारी दी। संभाग के जिलों के कलेक्टर ने अपने-अपने जिले में रबी के बारे में तैयारियों तथा विभिन्न समस्याओं की जानकारी दी।
उद्यानिकी का क्षेत्र तथा उत्पादन बढ़ाने के प्रयत्न किये जायें
महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु तथा आन्ध्र प्रदेशों में छोटे किसान भी फल, फूल, सब्जी, मसालों की बेहतरीन खेती कर रहे हैं। ये फसलें कम वर्षा वाले क्षेत्रों तथा अन्य प्रतिकूल परिस्थितियों में भी प्रयास पैदा की जा रही हैं। इंदौर संभाग में भी किसानों का ध्यान आकर्षित कर उद्यानिकी का क्षेत्र और उत्पादन बढ़ाने के प्रयास किये जायें।
कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती रंजना चौधरी ने इंदौर संभाग में उद्यानिकी फसलों की स्थिति की समीक्षा की। कृषि उत्पादन आयुक्त ने बैठक में उद्यानिकी सहित पशु पालन, डेयरी, कुक्कुट तथा मछली पालन की समीक्षा की।
बैठक में बताया गया कि मध्यप्रदेश में उद्यानिकी का रकबा पांच लाख हेक्टेयर से बढ़ कर साढ़े सात लाख हेक्टेयर हो गया है।
इसे बढ़ाकर सम्पूर्ण कृषि क्षेत्र का 10 प्रतिशत करने का लक्ष्य है जो करीब 12 लाख हेक्टेयर होता है। इंदौर संभाग के बारे में बताया गया कि यहां के जिलों में एक लाख 53 हजार 452 हेक्टेयर में फल, सब्जी, मसाला, पुष्प, औषधियों की खेती होती है। संभाग में इनका उत्पादन 31 लाख 92 हजार मीट्रिक टन है। श्रीमती चौधरी ने इंदौर सहित संभाग के अन्य शहरी क्षेत्रों से क्षेत्र में किसानों की आर्थिक स्थिति सुधार की दृष्टि से सब्जी की खेती पर ध्यान देने के निर्देश दिये। इंदौर के आसपास 2646 हेक्टेयर क्षेत्र में सब्जी का उत्पादन होता है।
बैठक में प्रमुख सचिव पशुपालन, श्री मनोज गोविल, आयुक्त सहकारिता श्री विश्वमोहन उपाध्याय, डेयरी फेडरेशन, एम.पी. एग्रो, कुक्कुट विकास निगम, राज्य बीज निगम के प्रबंध संचालक, संभाग के जिलों के कलेक्टर, जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
खरीफ में इस वर्ष संभाग में 20 लाख 8 हजार हेक्टर क्षेत्र में बोनी की गयी है। यह जानकारी इंदौर में गुरुवार को कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती रंजना चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित रबी के प्रस्तावित कार्यक्रम की समीक्षा बैठक में दी गयी।
कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती चौधरी ने कहा कि संभाग में कृषि उत्पादन बढ़ाने की रणनीति बनाई जाये, जिसमें भूमि एवं जल प्रबंधन, बीज प्रतिस्थापन, सिंचाई प्रबंधन, पौध संरक्षण और उन्नत कृषि यंत्र प्रबंधन को शामिल किया जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि प्रत्येक जिले में समन्वित जिला कृषि विकास योजना कलेक्टर अपने मार्गदर्शन में बनवायें।
उन्होंने अधिकारियों को राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना में भूमि और जल प्रबंधन के तहत खेत सुधार योजना पर अधिक से अधिक काम कराने के लिये कहा। अधिकारीगण प्रत्येक जिले में जल संसाधनों की क्षमता का वास्तविक आंकलन करें। क्रेडिट प्लान के तहत सभी लघु और सीमांत किसानों को सहकारी समिति का सदस्य बनाने के लिये विशेष मुहिम चलायी जाये। जिला स्तर पर फसलों की इकाई लागत का पुनर्निधारण किया जाये।
समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव कृषि श्री आई.एस. दाणी ने कहा कि प्रत्येक जिले में बीज उत्पादन कार्यक्रम चलाया जाये, प्रत्येक जिला बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर बने। सभी जिलों में भूमि उर्वरकता का नक्शा बनाया जाये। रबी में बीज ग्राम योजना का क्रियान्वयन प्राथमिकता से कराया जाये। बैठक में संचालक कृषि डॉ. डी.एन. शर्मा ने रबी की तैयारियों की जानकारी दी। संभाग के जिलों के कलेक्टर ने अपने-अपने जिले में रबी के बारे में तैयारियों तथा विभिन्न समस्याओं की जानकारी दी।
उद्यानिकी का क्षेत्र तथा उत्पादन बढ़ाने के प्रयत्न किये जायें
महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु तथा आन्ध्र प्रदेशों में छोटे किसान भी फल, फूल, सब्जी, मसालों की बेहतरीन खेती कर रहे हैं। ये फसलें कम वर्षा वाले क्षेत्रों तथा अन्य प्रतिकूल परिस्थितियों में भी प्रयास पैदा की जा रही हैं। इंदौर संभाग में भी किसानों का ध्यान आकर्षित कर उद्यानिकी का क्षेत्र और उत्पादन बढ़ाने के प्रयास किये जायें।
कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती रंजना चौधरी ने इंदौर संभाग में उद्यानिकी फसलों की स्थिति की समीक्षा की। कृषि उत्पादन आयुक्त ने बैठक में उद्यानिकी सहित पशु पालन, डेयरी, कुक्कुट तथा मछली पालन की समीक्षा की।
बैठक में बताया गया कि मध्यप्रदेश में उद्यानिकी का रकबा पांच लाख हेक्टेयर से बढ़ कर साढ़े सात लाख हेक्टेयर हो गया है।
इसे बढ़ाकर सम्पूर्ण कृषि क्षेत्र का 10 प्रतिशत करने का लक्ष्य है जो करीब 12 लाख हेक्टेयर होता है। इंदौर संभाग के बारे में बताया गया कि यहां के जिलों में एक लाख 53 हजार 452 हेक्टेयर में फल, सब्जी, मसाला, पुष्प, औषधियों की खेती होती है। संभाग में इनका उत्पादन 31 लाख 92 हजार मीट्रिक टन है। श्रीमती चौधरी ने इंदौर सहित संभाग के अन्य शहरी क्षेत्रों से क्षेत्र में किसानों की आर्थिक स्थिति सुधार की दृष्टि से सब्जी की खेती पर ध्यान देने के निर्देश दिये। इंदौर के आसपास 2646 हेक्टेयर क्षेत्र में सब्जी का उत्पादन होता है।
बैठक में प्रमुख सचिव पशुपालन, श्री मनोज गोविल, आयुक्त सहकारिता श्री विश्वमोहन उपाध्याय, डेयरी फेडरेशन, एम.पी. एग्रो, कुक्कुट विकास निगम, राज्य बीज निगम के प्रबंध संचालक, संभाग के जिलों के कलेक्टर, जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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