-->


Jai Kisan,Bharat Mahaan


दीक्षांत समारोह

दीक्षांत समारोह
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी

.

खत पढ़ों और घर बैठै 9 हजार रूपए महीना कमाओ Read Email & Get Money

My Great Web page

Sunday, September 9, 2012

अब हर सप्ताह केबिनेट में कृषि पर चर्चा

मध्यप्रदेश की अग्रणी कृषि विकास दर बनाये रखने पर फोकस
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कृषि क्षेत्र में 18 प्रतिशत की ऐतिहासिक वृद्धि दर हासिल करने के बाद अब इसे बनाए रखने और बढ़ाने पर फोकस रहेगा। इसके लिये हर सप्ताह केबिनेट की बैठक में कृषि से संबंधित विषयों पर अलग से चर्चा की जायेगी। इसके अलावा जिला स्तर पर भी हर सप्ताह सिर्फ कृषि से जुड़े विषयों की अनिवार्य रूप से समीक्षा कलेक्टर द्वारा की जायेगी। संभागायुक्त भी खेती और इससे संबद्ध विषयों की अलग से नियमित समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ कमिश्नर-कलेक्टर कांफ्रेंस के दूसरे दिन कृषि सेक्टर में वृद्धि दर बनाए रखने की चुनौतियों और उपाय विषय पर आयोजित सत्र को संबोधित कर रहे थे।

जैविक खाद्य परिषद गठित होगी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बैठक में आया यह सुझाव महत्वपूर्ण है कि प्रदेश में जैविक खेती के विस्तार के लिये जैविक खाद्य परिषद का गठन किया जाए। इसे अमल में लाया जायेगा। जैविक खेती के क्षेत्र को बढ़ाया जायेगा क्योंकि यह भविष्य की खेती है। उन्होंने निर्देश दिये कि सिंचाई के सभी उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग कर अधिकतम सिंचाई करने पर विशेष ध्यान दिया जाए। जहाँ पर्याप्त पानी है उन क्षेत्रों में तीन फसलें लेने के लिये किसानों को प्रेरित करें। सिंचाई के लिये उपलब्ध जल का पूरा दोहन राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिये प्रभारी मंत्री जिलों में अलग से बैठक लें।
फसल चक्र परिवर्तन के लिये प्रेरित करने का अभियान चलेगा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिये उद्यानिकी के विस्तार पर ध्यान देना होगा। इस क्षेत्र में व्यापक संभावनाएँ हैं। उद्यानिकी और औषधीय फसलें लेने के लिये हर जिले में किसानों को प्रेरित करें। मत्स्य-उत्पादन और दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के विशेष प्रयास करें। जिलों में फसल चक्र परिवर्तन करने के लिये किसानों को प्रेरित करने का अभियान चलाए। एस.आर.आई. और रिजो पद्धति को प्रोत्साहित करें। किसानों को छिड़काव पद्धति को खत्म करने के लिये प्रेरित करें। नकली और अमानक खाद-बीज की शिकायत मिलने पर सख्ती से कार्रवाई की जाये। अमानक खाद-बीज की रोकथाम के लिये राज्य सरकार और अधिक कड़ा कानून बनायेगी। कोदो-कुटकी जैसे मोटे अनाज के प्र-संस्करण की व्यवस्था करें।
 कृषि उत्पादों की ब्रांडिंग होगी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के विशिष्ट कृषि उत्पादों की ब्रांडिंग के लिये गंभीरता से प्रयास करें। बंद लिफ्ट इरीगेशन योजनाओं को चालू करने पर विशेष ध्यान दें। कृषि विस्तार अमले का बेहतर उपयोग कर संतुलित उर्वरक के बारे में जागरूकता लाए। किसानों को उर्वरक के अग्रिम उठाव के लिये प्रेरित करें।
कमांड एरिया में उत्पादकता वृद्धि के लिये विशेष योजना
सत्र के दौरान जानकारी दी गई कि मध्यप्रदेश कृषि विकास दर में देश में पहले स्थान पर है। प्रदेश ने ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में कृषि क्षेत्र में औसतन वार्षिक वृद्धि 9 प्रतिशत से अधिक हासिल की है जो देश में सर्वाधिक रही है। प्रदेश की यह विकास दर न केवल कृषि बल्कि संबंद्ध क्षेत्र पशुपालन, मत्स्य-पालन और उद्यानिकी में भी देश में अग्रणी होकर अर्जित की है। बीते वर्ष प्रदेश की कृषि विकास दर 18.9 प्रतिशत रही है। सिंचाई योजनाओं के कमांड एरिया में उत्पादकता वृद्धि के लिये विशेष योजना बनायी गई है। बीते वर्ष प्रदेश में जल संसाधन और नर्मदा घाटी विकास विभाग की योजनाओं से करीब 19 लाख हेक्टेयर में सिंचाई हुई है। इस वर्ष नहरों की पूर्ण क्षमता का उपयोग कर इसे बढ़ाकर सवा 21 लाख हेक्टेयर किया जायेगा। कपिल धारा के कुंओं, मेढ़ बंधान आदि से हुई सिंचाई इसके अलावा है। प्रदेश में उर्वरकों के अग्रिम भण्डारण से इस वर्ष किसानों को करीब 300 करोड़ रूपये का लाभ हुआ है। बीते वर्ष में दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में 8.45 प्रतिशत की वृद्धि के साथ मध्यप्रदेश देश में सबसे आगे है। पशुपालन विभाग की गोपाल पुरस्कार योजना के तहत अब विकास खण्ड स्तर तक कुल 1, 449 पुरस्कार दिये जायेंगे। चरनोई भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करने का अभियान चलाया जायेगा। प्रदेश में अब किसानों की तरह मछुआरों को भी शून्य प्रतिशत ब्याज पर सहकारी ऋण दिया जायेगा। प्रदेश में 10 हजार 801 मछुआरों को क्रेडिट कार्ड दिये गये हैं। शून्य प्रतिशत ब्याज पर इस वर्ष किसानों को 8,500 करोड़ रूपये का कृषि ऋण दिया जायेगा।
चर्चा के दौरान सुझाव
चर्चा के दौरान मंत्रिगणों और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कई सुझाव दिये गए कि चरनोई भूमि से अतिक्रमण हटाए जाये। उन्नत किस्म की देसी नस्ल की गायों की संख्या बढ़ाने के लिये योजना बनायी जाये। बुंदेलखंड में भी गौ-अभयारण्य बनाया जाये। कपास पर भी अनुदान दिया जाये। बीज उत्पादन पर दिये जाने वाले अनुदान में वृद्धि की जाये। किसानों को अनापत्ति प्रमाण-पत्र के लिये अलग-अलग बैंकों में नहीं जाना पड़े, इसकी व्यवस्था की जाये। कृषि प्र-संस्करण उत्पादों को बढ़ावा देने और उनके विपणन की योजना बनायी जाये। कृषि उत्पादों में मूल्य संवर्धन और उनकी ब्रांडिंग पर ध्यान दिया जाये। नहर किनारे कैसे खेती की जाए इसका प्रशिक्षण दिया जाये। मिल्ट रूट की तरह फिश रूट भी बनाया जाये। कृषि उत्पादन पर किसानों को मिलने वाले न्यूनतम लाभ को तय किया जाये। किसानों को संगठित कर कृषि उत्पादों में गुणवत्ता वृद्धि के प्रयास किये जाये। चर्चा में नगरीय प्रशासन और विकास मंत्री श्री बाबूलाल गौर, वन मंत्री श्री सरताज सिंह, लोक स्वास्थ्य और आवास मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, लोक निर्माण मंत्री श्री नागेन्द्र सिंह, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती रंजना बघेल, खाद्य नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री श्री पारस जैन, किसान कल्याण और कृषि विकास राज्य मंत्री श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह, नगरीय प्रशासन और विकास राज्य मंत्री श्री मनोहर ऊँटवाल और स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री श्री नानाभाऊ मोहोड़ सहित मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों सहित कमिश्नर और कलेक्टरों ने भाग लिया।

0 comments:

ADMARK

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...
 
Blog template by mp-watch.blogspot.com : Header image by Admark Studio