किसानों को सिंचाई के लिये सुचारु विद्युत का प्रदाय किया जाये
राज्य
शासन ने आगामी रबी सीजन शुरू होने से पूर्व सभी आवश्यक तैयारियाँ 15
अक्टूबर तक पूर्ण करने के निर्देश विद्युत वितरण कम्पनियों को दिये हैं।
शासन ने प्रबंध संचालक मध्य, पूर्व तथा पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण
कम्पनियों से रबी मौसम में किसानों को सिंचाई के लिये घोषित अवधि में
सुचारु विद्युत प्रदाय सुनिश्चित करने को कहा है। इसके लिये विद्युत
उप-केन्द्रों, लाइनों के संधारण तथा प्रणाली के सुदृढ़ीकरण के कार्य
ट्रांसफार्मरों का भण्डारण, अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाये जाने तथा
ओव्हर-लोडेड ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि कार्य को प्राथमिकता के आधार पर
पूर्ण करने को कहा है। साथ ही पालन-प्रतिवेदन 20 अक्टूबर, 2012 तक ऊर्जा
विभाग को उपलब्ध करवाया जाना सुनिश्चित करने को कहा गया है।
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सचिव
ऊर्जा श्री मोहम्मद सुलेमान द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि जहाँ
किसानों को सिंचाई के लिये रबी मौसम में सुचारु तथा गुणवत्तापूर्ण विद्युत
का प्रदाय किया जाये, वहीं मैदानी अधिकारियों से इस दौरान बिजली के
दुरुपयोग पर नजर रखने के लिये सघन चेकिंग अभियान भी चलाया जाये। निर्देश
में कहा गया है कि गत वर्ष जहाँ 33/11 के.व्ही. सब-स्टेशन में स्थापित पॉवर
ट्रांसफार्मर ओव्हर-लोडेड हुए थे, उनकी क्षमता वृद्धि तथा अतिरिक्त
ट्रांसफार्मर लगाये जाने का कार्य 15 अक्टूबर तक पूर्ण कर लिया जाये। इसी
तरह 33 के.व्ही. लाइन ओव्हर-लोडेड होने के कारण वोल्टेज समस्या अथवा 33/11
के.व्ही. उप-केन्द्र से तीन शिफ्ट में विद्युत प्रदाय करना आवश्यक हो गया
था। इनके विभक्तिकरण के स्वीकृत कार्य भी 15 अक्टूबर तक आवश्यकता के क्रम
में पूरे करने को कहा गया है।
यह
भी सुनिश्चित किया जाये कि ऐसे ट्रांसफार्मर जो अस्थाई कनेक्शन के कारण गत
वर्ष बार-बार फेल हुए थे, की क्षमता-वृद्धि अथवा अतिरिक्त ट्रांसफार्मर
लगाये जाये। इस वर्ष अस्थाई कनेक्शन के भार को देखते हुए वितरण
ट्रांसफार्मरों की क्षमता-वृद्धि तथा अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाये जाने के
लिये पर्याप्त राशि उपलब्ध करवाई गई है।
इसी
प्रकार विद्यमान 33/11 के.व्ही. उप-केन्द्रों के रख-रखाव कार्य पूर्ण करने
के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि इन उप-केन्द्रों में
स्थापित केपेसिटर बैंक क्रियाशील होने की स्थिति में हों। गत वर्ष जहाँ पर
11 के.व्ही. लाइन ओव्हर-लोडेड पाई गई थी, वहाँ के विभक्तिकरण के कार्य भी
समय-सीमा में पूर्ण करने की व्यवस्था की जाये।
15 सितम्बर से प्रारंभ हो ट्रांसफार्मर बदलने की योजना
विद्युत
वितरण कम्पनियों को निर्देश दिये गये हैं कि जले/फेल ट्रांसफार्मर की
सूचना प्राप्त करने के लिये मुख्य अभियंता तथा कार्पोरेट कार्यालय में
नियंत्रण कक्ष 30 सितम्बर, 2012 से प्रारंभ किया जाना सुनिश्चित किया जाये।
साथ ही असफल ट्रांसफार्मरों को बदलने के लिये एसएमएस आधारित ट्रांसफार्मर
बदलने की योजना को भी 15 सितम्बर से प्रारंभ करने को कहा है। जले तथा फेल
ट्रांसफार्मरों को बदलने के लिये पर्याप्त मात्रा में इनका भण्डारण
सुनिश्चित करने तथा पूर्व में दिये गये निर्देशानुसार वृत्त मुख्यालयों में
वितरण ट्रांसफार्मरों का स्टॉक सुनिश्चित रखने को कहा गया है, जिससे फेल
ट्रांसफार्मर समय-सीमा के अंदर बदले जा सकें। इसी तरह 11 के.व्ही. लाइन पर
निर्धारित विद्युत कटौती के समय ही असफल ट्रांसफार्मरों को बदला जाना
सुनिश्चित किया जाये, ताकि कृषकों को अतिरिक्त कटौती का सामना न करना पड़े।
अस्थाई कनेक्शन में 10ऽ वृद्धि हो
चालू
माली साल में अस्थाई कनेक्शन देने का लक्ष्य अभी से निर्धारित कर यह
सुनिश्चित करने को कहा गया है कि गत वर्ष की तुलना में इसमें 10 प्रतिशत की
वृद्धि हो। गत वर्ष ग्रामवार दिये गये अस्थाई कनेक्शनों की सूचना संबंधित
लाइन मेन को उपलब्ध करवाने को कहा गया है। इससे लाइनमेन यह सुनिश्चित कर
सकेंगे कि जिन कृषकों द्वारा गत वर्ष कनेक्शन लिये गये थे, उनके द्वारा ही
इस वर्ष भी कनेक्शन लिये जायें।
सतर्कता
दलों द्वारा आगामी एक अक्टूबर से ग्रामीण क्षेत्र में सघन चेकिंग अभियान
चलाने के निर्देश दिये गये हैं, जिससे कृषकों द्वारा अस्थाई कनेक्शन लेकर
ही विद्युत सिंचाई पम्प चलाये जायें। विद्युत वितरण कम्पनियों से कहा गया
है कि कार्यपालन यंत्री (सतर्कता) तथा एसटीएम ग्रामीण क्षेत्र में सघन
चेकिंग करें। यह भी सुनिश्चित किया जाये कि 33/11 के.व्ही. उप-केन्द्रों को
11 के.व्ही. फीडर तक निर्धारित अवधि में ही विद्युत प्रदाय की जा रही है
तथा इसे उप-केन्द्रों में उपलब्ध लॉग-शीट में अंकित किया जाये।
इसी
प्रकार जिन 33/11 के.व्ही. उप-केन्द्रों पर फीडर मीटरिंग कर दी गई है,
उनका भी निरीक्षण कर सुनिश्चित किया जाये कि वे क्रियाशील हैं।
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