50 में से 40 जिले मानसून से तर-बतर
प्रदेश
में मानसून अपने चरम पर है। प्रदेश के 50 में से 40 जिले मानसून से तर-बतर
हो चुके हैं परन्तु 5 जिले अभी भी अच्छी वर्षा की बाट जोह रहे हैं। ये
जिले हैं- बालाघाट, सागर, उमरिया, बड़वानी और धार। प्रदेश में अब तक सामान्य
औसत वर्षा 586 मिलीमीटर के मुकाबले 670.7 मिलीमीटर दर्ज की जा चुकी है।
प्रदेश
के 20 जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। इन जिलों में जबलपुर,
कटनी, दमोह, रीवा, इंदौर, सिंगरौली, खण्डवा, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, देवास,
मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया, भोपाल, सीहोर- होशंगाबाद, हरदा और
बैतूल शामिल हैं। सामान्य वर्षा वाले जिले हैं- छिन्दवाड़ा, सिवनी, मंडला,
डिण्डोरी, नरसिंहपुर, पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सतना, शहडोल, अनूपपुर, सीधी,
झाबुआ, अलीराजपुर, खरगोन, बुरहानपुर, नीमच, शाजापुर, श्योपुर कला, भिण्ड,
गुना, अशोकनगर, रायसेन, विदिशा और राजगढ़।
बाढ़
और अति वृष्टि से प्रदेश के 22 जिलो में अब तक 28 जन हानि, 270 पशु हानि
और 4,298 मकान क्षति दर्ज की जा चुकी है। इन जिलों की 75 सड़कें भी वर्षा से
क्षतिग्रस्त हुई है। सर्वाधिक 239 पशु हानि सीहोर जिले में और सर्वाधिक
3,338 मकान की क्षति देवास जिले में हुई है।
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