प्रदेश के 7800 हेक्टेयर क्षेत्र में बिगड़े बाँस वन क्षेत्र का उपचार
Bhopal:Monday, January 9, 2012
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश में भू-क्षरण रोकने के लिए संचालित परियोजना में वर्ष 2011 के अंत तक 7,800 हेक्टेयर बिगड़े बाँस वन क्षेत्रों का उपचार 789 हितग्राही परिवारों द्वारा किया गया। यह परियोजना प्रदेश के बैतूल, छिन्दवाड़ा, सीधी, सिंगरौली और उमरिया जिलों के नौ क्षेत्रीय वन मण्डलों में क्रियान्वित की जा रही है।
वन मंत्री श्री सरताज सिंह ने बताया कि इस परियोजना में बिगड़े बाँस वनों के उपचार के लिए हितग्राही परिवारों का चयन किया गया है। एक हितग्राही परिवार को एक वर्ष में पाँच हेक्टेयर क्षेत्र में लगभग 500 भिर्रे (बाँस के नन्हे पौधों का झुण्ड) उपचार के लिए आवंटित किए जा रहे हैं। इस प्रकार एक परिवार को 4 वर्षों में 20 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए लगभग दो हजार बाँस भिर्रे आवंटित किए जाएँगे। इसके अलावा इन परिवारों को आजीविका के लिए ढाई हजार रुपये प्रतिमाह की राशि भी बैंक खातों के माध्यम से दी जा रही है।संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश में भू-क्षरण रोकने के लिए संचालित परियोजना में वर्ष 2011 के अंत तक 7,800 हेक्टेयर बिगड़े बाँस वन क्षेत्रों का उपचार 789 हितग्राही परिवारों द्वारा किया गया। यह परियोजना प्रदेश के बैतूल, छिन्दवाड़ा, सीधी, सिंगरौली और उमरिया जिलों के नौ क्षेत्रीय वन मण्डलों में क्रियान्वित की जा रही है।
श्री सिंह ने बताया कि अगले चार सालों में हितग्राही परिवारों द्वारा उपचारित भिर्रे विकसित होकर आय प्रदान करने लगेंगे। संयुक्त वन प्रबंधन के प्रावधानों के अनुसार यह आय इन हितग्राही परिवारों को प्राप्त होगी और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। इस प्रकार इस परियोजना के जरिये बिगड़े बाँस वनों के संवर्धन एवं संरक्षण के साथ ही हितग्राही परिवारों की आजीविका के लिए अतिरिक्त स्रोत भी मुहैया हो रहे हैं।
0 comments:
Post a Comment