गरीब उपभोक्ताओं पर पड़ा असर, खाद्य मंत्री ने जताया विरो, प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
केन्द्र से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत प्रदेश को मिलने वाले शक्कर के कोटे में लगातार कमी हो रही है। इस शक्कर को सिर्फ बीपीएल और अन्त्योदय अन्न योजना के हितग्राहियों को प्रदाय किया जाता है, लिहाजा शक्कर के कोटे में कमी का सीधा असर गरीब उपभोक्ताओं पर पड़ा है। खाद्य आपूर्ति राज्यमंत्री श्री पारसचंद्र जैन ने इस भेदभावपूर्ण रवैये पर अफसोस और कड़ा विरोध जताते हुए प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को पत्र लिखा है।केन्द्र से साविप्र के तहत मिलने वाली इस शक्कर में कमी का सिलसिला चार महीने पहले शुरू हुआ है। इससे पहले अक्टूबर तक प्रदेश को 15 हजार 274 मे. टन शक्कर मिल रही थी। नवम्बर में करीब पौने तीन हजार मे. टन शक्कर कम करके प्रदेश को 12 हजार 571 और इसके बाद दिसम्बर और जनवरी में इस मात्रा में और कमी करते हुए 12 हजार 513 मे. टन शक्कर दी गई है। फरवरी में तो केन्द्र ने सारी हदें पार कर प्रदेश को केवल 9 हजार 863 मे. टन शक्कर ही आवंटित की है।
वितरण पर असर
केन्द्र से मिली कम शक्कर से इसका गरीबों को वितरण गड़बड़ा गया है। खुले बाजार में इसकी कीमत वैसे ही गरीबों की पहुंच के बाहर है। अगर सीधेतौर पर गौर करें तो फरवरी में बीपीएल और अन्त्योदय अन्न योजना (एएवाय) के हितग्राहियों को पूर्व की तयशुदा मात्रा से करीब 700 ग्राम शक्कर कम मिलेगी। अक्टूबर में जहां इन लोगों को 2 किलो 205 ग्राम शक्कर प्रति राशनकार्ड दी जा रही थी, नवम्बर में कम कोटा मिलने से इसे घटाकर 1 किलो 810 ग्राम किया गया और अब फरवरी मं इसे 1 किलो 500 ग्राम के हिसाब से प्रदाय किया जा सकेगा।
प्रधानमंत्री को पत्र
खाद्य आपूर्ति राज्यमंत्री श्री पारसचंद्र जैन फरवरी महीने के इस कोटे के जिलेवार आवंटन की सोमवार को अनुमोदन के लिए उनके पास आई फाईल देखते ही सकते में आ गए। महंगाई की मार झेल रहे लोग और खास कर गरीब पहले से ही टूट रहे हैं। उसके बाद केन्द्र के इस रवैये का इशारा क्या हो सकता है, यह एकाएक श्री जैन भांप नहीं सके।
वितरण पर असर
केन्द्र से मिली कम शक्कर से इसका गरीबों को वितरण गड़बड़ा गया है। खुले बाजार में इसकी कीमत वैसे ही गरीबों की पहुंच के बाहर है। अगर सीधेतौर पर गौर करें तो फरवरी में बीपीएल और अन्त्योदय अन्न योजना (एएवाय) के हितग्राहियों को पूर्व की तयशुदा मात्रा से करीब 700 ग्राम शक्कर कम मिलेगी। अक्टूबर में जहां इन लोगों को 2 किलो 205 ग्राम शक्कर प्रति राशनकार्ड दी जा रही थी, नवम्बर में कम कोटा मिलने से इसे घटाकर 1 किलो 810 ग्राम किया गया और अब फरवरी मं इसे 1 किलो 500 ग्राम के हिसाब से प्रदाय किया जा सकेगा।
प्रधानमंत्री को पत्र
खाद्य आपूर्ति राज्यमंत्री श्री पारसचंद्र जैन फरवरी महीने के इस कोटे के जिलेवार आवंटन की सोमवार को अनुमोदन के लिए उनके पास आई फाईल देखते ही सकते में आ गए। महंगाई की मार झेल रहे लोग और खास कर गरीब पहले से ही टूट रहे हैं। उसके बाद केन्द्र के इस रवैये का इशारा क्या हो सकता है, यह एकाएक श्री जैन भांप नहीं सके।
अपना कड़ा विरोध जताते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री को तत्काल पत्र लिखकर यह पूरी वस्तुस्थिति साफ करना उचित समझा। श्री जैन ने पत्र में स्मरण कराया है कि पिछले सप्ताह ही केन्द्र सरकार ने सारे राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाकर देश में महंगाई के खिलाफ कदम उठाए जाने की जरूरत बताई थी।
इसके नतीजों का इंतजार हो ही रहा है और अब इस महीने केन्द्र ने प्रदेश का शक्कर कोटा और घटा दिया है। इसने गरीबों के हितों पर कुठाराघात कर महंगाई में आग पर घी का काम किया है। राज्यमंत्री श्री जैन ने इस मामले में प्रधानमंत्री से सीधे हस्तक्षेप का अनुरोध करते हुए प्रदेश का शक्कर कोटा तत्काल बढ़ाए जाने की मांग की है।
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