केन्द्रीय कृषि आयुक्त डॉ. गुरूवचन सिंह ने खेतों में पहुँचकर किसानों से बात की
भारत सरकार के कृषि आयुक्त डॉ. गुरूवचन सिंह ने कहा है कि देश में 80 प्रतिशत किसान दो हेक्टेयर कृषि भूमि वाले हैं। इनमें से 50 प्रतिशत तो ऐसे किसान हैं जिनके पास एक हेक्टेयर कृषि भूमि है।ऐसे किसानों को ध्यान में रखते हुये उनके खेतों में ऐसे आदर्श कृषि मॉडल तैयार किये जायें जिनमें किसान परम्परागत फसलों के साथ-साथ उद्यानिकी, मत्स्य, पशुपालन आदि गतिविधियां अपने खेतों में कर सकें। कृषि आयुक्त डॉ. सिंह सोमवार को साप्ताहिक कृषक जगत कार्यालय में किसान कल्याण विभाग द्वारा आत्मा परियोजना के अंतर्गत प्रायवेट पार्टनरशिप के प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे थे।
दो हेक्टेयर तक के किसानों के लिये आदर्श कृषि मॉडल तैयार करें
कृषि की आधुनिक तकनीक के प्रचार के लिये मासिक आत्मा संदेश का नियमित प्रकाशन
मध्यप्रदेश में कृषि कार्यक्रमों के विस्तार के लिये आत्मा परियोजना के अंतर्गत किसान कल्याण विभाग ने 19 एजेंसियों के साथ अनुबंध किये हैं। यह एजेंसियां कृषि में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने, किसानों को उन्नत तकनीक की जानकारी देने, ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि पाठ्य शालाओं का संचालन कर रही हैं। संचालक किसान कल्याण डॉ. डी.एन. शर्मा ने बताया कि आत्मा परियोजना का संचालन प्रदेश के 50 जिलों के 313 विकासखंडों में किया जा रहा है। आत्मा परियोजना में किसानों को कृषि जानकारी के लिये भ्रमण एवं प्रशिक्षण के कार्य भी किये जा रहे हैं।
कृषि आयुक्त डॉ. गुरूवचन सिंह ने कहा कि भारत में पिछले ढ़ाई दशकों में मौसम में भारी बदलाव आया है। इस बदलाव का फर्क खेती किसानी पर ज्यादा पड़ रहा है। अब जरूरत है कि किसानों को बदलते मौसम के अनुसार कृषि तकनीकों की जानकारी दी जाये। लगातार पानी की घटती उपलब्धता को देखते हुये भी हमें कृषि नीति में बदलाव की जरूरत होगी। के.जे. एजुकेशन सोसायटी के श्री सुनील गंगराडे ने बताया कि किसानों को कृषि समाचार देने के लिये प्रतिमाह आत्मा संदेश का प्रकाशन किया जा रहा है। यह कृषि संदेश प्रदेश के एक लाख से ज्यादा किसान मित्र एवं किसान दीदी तक पहुँच रहा है।
किसान कॉल सेंटर का निरीक्षण
कृषि आयुक्त डॉ. गुरूवचन सिंह ने भोपाल के गंगोत्री भवन स्थित किसान कॉल सेंटर का निरीक्षण किया। यह कॉल सेंटर इण्डियन सोसायटी ऑफ एग्री बिजनेस प्रोफेशनल्स (आईसेप) की मदद से संचालित हो रहा है। किसान कॉल सेंटर के प्रभारी डॉ. एस. मोटवानी ने बताया कि अब तक ढ़ाई लाख से अधिक किसानों की समस्याओं का निराकरण टोल फ्री सेवा के माध्यम से किया जा चुका है। किसान कॉल सेंटर के टोल फ्री नम्बर 1800-233-4433 पर पन्द्रह लाईनें उपलब्ध हैं। इस कॉल सेंटर में किसानों को कृषि के अलावा उद्यानिकी, पशुपालन, फसल संरक्षण, मिट्टी परीक्षण आदि से संबंधित जानकारी दी जा रही है।
कृषि आयुक्त ने खेतो में पहुँचकर किसानों से चर्चा की
कृषि आयुक्त डॉ. गुरूवचन सिंह ने भोपाल जिले के ग्राम बरखेड़ानाथू, धामनिया ग्राम, ग्राम कोलूखेड़ी में किसानों के खेतों में पहुँचकर फसलों की स्थिति, सिंचाई सुविधा, ग्रामीण क्षेत्रों में बनाये गये बायो गैस संयत्र, बलराम तालाब आदि के बारे में चर्चा की। कृषि आयुक्त ने मटर का मिनी किट प्रदर्शन, जैविक कृषि एवं भू-जल संवर्धन के कार्यों को देखा।
दो हेक्टेयर तक के किसानों के लिये आदर्श कृषि मॉडल तैयार करें
कृषि की आधुनिक तकनीक के प्रचार के लिये मासिक आत्मा संदेश का नियमित प्रकाशन
मध्यप्रदेश में कृषि कार्यक्रमों के विस्तार के लिये आत्मा परियोजना के अंतर्गत किसान कल्याण विभाग ने 19 एजेंसियों के साथ अनुबंध किये हैं। यह एजेंसियां कृषि में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने, किसानों को उन्नत तकनीक की जानकारी देने, ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि पाठ्य शालाओं का संचालन कर रही हैं। संचालक किसान कल्याण डॉ. डी.एन. शर्मा ने बताया कि आत्मा परियोजना का संचालन प्रदेश के 50 जिलों के 313 विकासखंडों में किया जा रहा है। आत्मा परियोजना में किसानों को कृषि जानकारी के लिये भ्रमण एवं प्रशिक्षण के कार्य भी किये जा रहे हैं।
कृषि आयुक्त डॉ. गुरूवचन सिंह ने कहा कि भारत में पिछले ढ़ाई दशकों में मौसम में भारी बदलाव आया है। इस बदलाव का फर्क खेती किसानी पर ज्यादा पड़ रहा है। अब जरूरत है कि किसानों को बदलते मौसम के अनुसार कृषि तकनीकों की जानकारी दी जाये। लगातार पानी की घटती उपलब्धता को देखते हुये भी हमें कृषि नीति में बदलाव की जरूरत होगी। के.जे. एजुकेशन सोसायटी के श्री सुनील गंगराडे ने बताया कि किसानों को कृषि समाचार देने के लिये प्रतिमाह आत्मा संदेश का प्रकाशन किया जा रहा है। यह कृषि संदेश प्रदेश के एक लाख से ज्यादा किसान मित्र एवं किसान दीदी तक पहुँच रहा है।
किसान कॉल सेंटर का निरीक्षण
कृषि आयुक्त डॉ. गुरूवचन सिंह ने भोपाल के गंगोत्री भवन स्थित किसान कॉल सेंटर का निरीक्षण किया। यह कॉल सेंटर इण्डियन सोसायटी ऑफ एग्री बिजनेस प्रोफेशनल्स (आईसेप) की मदद से संचालित हो रहा है। किसान कॉल सेंटर के प्रभारी डॉ. एस. मोटवानी ने बताया कि अब तक ढ़ाई लाख से अधिक किसानों की समस्याओं का निराकरण टोल फ्री सेवा के माध्यम से किया जा चुका है। किसान कॉल सेंटर के टोल फ्री नम्बर 1800-233-4433 पर पन्द्रह लाईनें उपलब्ध हैं। इस कॉल सेंटर में किसानों को कृषि के अलावा उद्यानिकी, पशुपालन, फसल संरक्षण, मिट्टी परीक्षण आदि से संबंधित जानकारी दी जा रही है।
कृषि आयुक्त ने खेतो में पहुँचकर किसानों से चर्चा की
कृषि आयुक्त डॉ. गुरूवचन सिंह ने भोपाल जिले के ग्राम बरखेड़ानाथू, धामनिया ग्राम, ग्राम कोलूखेड़ी में किसानों के खेतों में पहुँचकर फसलों की स्थिति, सिंचाई सुविधा, ग्रामीण क्षेत्रों में बनाये गये बायो गैस संयत्र, बलराम तालाब आदि के बारे में चर्चा की। कृषि आयुक्त ने मटर का मिनी किट प्रदर्शन, जैविक कृषि एवं भू-जल संवर्धन के कार्यों को देखा।
ग्रामीणों ने चर्चा के दौरान बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन का क्रियान्वयन भोपाल संभाग के अन्य जिलों में तो किया जा रहा है लेकिन इसका क्रियान्वयन भोपाल जिले में नहीं है। ग्रामीणों ने इस योजना का क्रियान्वयन भोपाल जिले में भी किये जाने का आग्रह किया।
भोपाल जिले के किसान कल्याण विभाग के उप संचालक श्री ओ.पी चौरे ने बताया कि भोपाल जिले में बलराम तालाबों के निर्माण से किसानों को कृषि में सिंचाई की सुविधा मिली है। कृषि आयुक्त डॉ. गुरूवचन सिंह ने भोपाल के नजदीक शासकीय फन्दा कृषि फार्म की गतिविधियों को भी देखा।
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