बिगड़े मौसमी हालात के चलते बढ़ाई अवधि
राज्य सरकार ने समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन को लेकर आज सिवनी और बालाघाट जिलों में धान खरीदी की अवधि 15 मार्च तक बढ़ा दी है। यह कार्रवाई इन जिलों के कलेक्टरों द्वारा बिगड़े मौसमी हालात के चलते खरीदी शेष रहने संबंधी सूचना पर की गई है। अलबत्ता सरकार ने इसकी कुछ शर्तें भी तय की हैं।उपरोक्त दोनों जिलों के कलेक्टरों ने राज्य सरकार को भेजी रिपोर्ट में बताया था कि उनके क्षेत्र में दिसम्बर 2009 और हाल ही में जनवरी के महीने में बेमौसम और बारम्बार की बारिश ने धान उपार्जन प्रक्रिया पर असर डाला है। किसानों का कोई 40 प्रतिशत धान बिक्री के लिए शेष रह गया है। उल्लेखनीय यह भी है कि प्रदेश की कुल धान पैदावार का 80 प्रतिशत हिस्सा इन दोनों ही जिलों से मिलता है। राज्य सरकार ने इसे गंभीरता से लेकर उपार्जन अवधि 15 मार्च तक बढ़ा दी है। पहले यह अवधि 15 फरवरी तय थी।
राज्य सरकार ने इस सिलसिले में कुछ शर्तें भी तय की हैं। इनके मुताबिक इन दोनों जिलों में धान अब केवल सहकारी समिति के केन्द्रों पर ही खरीदा जाएगा। मण्डियों में यह खरीदी नहीं होगी। इसी तरह खरीदी के लिए अत्यंत सीमित मात्रा में केन्द्र खोले जाएंगे। ऐसे किसान जो अपना कर्ज चुकाने के मकसद से समर्थन मूल्य पर धान बेचना चाहते हैं केवल उन्हीं से तयशुदा केन्द्रों पर यह खरीद की जाएगी। खरीदी केन्द्रों पर संबंधित जिला कलेक्टर खाद्य विभाग से जुड़ा एक अधिकारी नियुक्त करेंगे। यह अधिकारी आवश्यक व्यवस्थाएं करने के साथ ही खरीदे जाने वाले धान की औसत अच्छी गुणवत्ता भी सुनिश्चित करेगा।
राज्य सरकार ने इस सिलसिले में कुछ शर्तें भी तय की हैं। इनके मुताबिक इन दोनों जिलों में धान अब केवल सहकारी समिति के केन्द्रों पर ही खरीदा जाएगा। मण्डियों में यह खरीदी नहीं होगी। इसी तरह खरीदी के लिए अत्यंत सीमित मात्रा में केन्द्र खोले जाएंगे। ऐसे किसान जो अपना कर्ज चुकाने के मकसद से समर्थन मूल्य पर धान बेचना चाहते हैं केवल उन्हीं से तयशुदा केन्द्रों पर यह खरीद की जाएगी। खरीदी केन्द्रों पर संबंधित जिला कलेक्टर खाद्य विभाग से जुड़ा एक अधिकारी नियुक्त करेंगे। यह अधिकारी आवश्यक व्यवस्थाएं करने के साथ ही खरीदे जाने वाले धान की औसत अच्छी गुणवत्ता भी सुनिश्चित करेगा।
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