गैर इमारती वनोपज पर आधारित सामुदायिक सहभागिता का राष्ट्रीय प्रशिक्षण प्रारंभ
मध्यप्रदेश में लघु वनोपज आधारित आजीविका संसाधन बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। अध्यक्ष मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज संघ एवं विधायक श्री विश्वास सांरग ने आज यहां बरखेड़ा पठानी स्थित लघु वनोपज प्रसंस्करण एवं अनुसंधान केन्द्र (एम.एफ.पी.-पार्क) में गैर इमारती वनोपज पर आधारित सामुदायिक सहभागिता तथा संसाधनों का विकास एवं मूल्यवर्धन विषय पर आयोजित राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर गैर इमारती वनोपज पर आधारित आजीविका के उपाय करने एवं गैर इमारती वनोपज के संरक्षण का आव्हान किया। एक सप्ताह के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश के 21 राज्यों से आये अखिल भारतीय वन सेवा के अधिकार भाग ले रहे हैं।श्री सारंग ने कहा कि प्रदेश में राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा तेन्दूपत्ता संग्रहण के साथ ही अन्य लघु वनोपजों के संग्रहण तथा व्यापार को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष लाख को राष्टीयकृत वनोपज घोषित किया गया है ताकि संग्राहकों को लाभ मिल सके। इसी प्रकार प्रायोगिक स्तर पर तेंदूपत्ता रोपण भी किया गया है, ताकि उच्च गुणवत्ता का तेंदूपत्ता प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लघु वनोपज संग्रहण को सहकारी आंदोलन का रूप दिया गया है ताकि वास्तविक संग्राहक का जीवन स्तर ऊपर उठाया जा सके।
कार्यक्रम में राज्य लघुवनोपज संघ सलाहकार के श्री व्ही.आर. खरे ने बताया कि देश में पहली बार गैर इमारती वनोपज पर आधारित यह सम्मेलन पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से भोपाल में आयोजित किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में संकाय के रूप में देश के प्रख्यात पर्यावरणविद तथा वन विशेषज्ञों को प्रशिक्षण देने के लिए आमंत्रित किया गया है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी एम.एफ.पी.-पार्क श्री अभय पाटिल ने कार्यक्रम का संचालन करते हुये बताया कि संस्था द्वारा लगभग 250 से अधिक हर्बल उत्पादों का निर्माण किया जा रहा है। यहां एक उन्नत प्रयोगशाला की परीक्षण सुविधायें किसानों व प्रसंस्करणकर्ताओं को उपलब्ध है। एम.एफ.सी.-पार्क भोपाल द्वारा 55 से अधिक प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन आदिवासी ग्रामीणों, स्व:सहायता समूहों, कर्मचारियों, अधिकारियों, प्रसंस्करणकर्ताओं, विद्यार्थियों तथा सामान्य वर्ग के लिए किया गया है।
प्रारंभ में श्री विश्वास सांरग ने दीप प्रज्जवलन कर प्रशिक्षण सत्र का उद्घाटन किया। अपर प्रबंध संचालक राज्य लघु वनोपज संघ श्री रवि श्रीवास्तव ने आभार व्यक्त करते हुये कहा कि यह प्रशिक्षण आने वाले समय में गैर इमारती वनोपज क्षेत्र में नये सोपान तय करेगा। प्रशिक्षण सत्र में आन्ध्रप्रदेश, असम, मिजोरम, नागालैंड, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, अंडमान एवं निकोबार तथा मध्यप्रदेश एवं अन्य राज्यों से आये अधिकारी भाग ले रहे हैं।
कार्यक्रम में राज्य लघुवनोपज संघ सलाहकार के श्री व्ही.आर. खरे ने बताया कि देश में पहली बार गैर इमारती वनोपज पर आधारित यह सम्मेलन पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से भोपाल में आयोजित किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में संकाय के रूप में देश के प्रख्यात पर्यावरणविद तथा वन विशेषज्ञों को प्रशिक्षण देने के लिए आमंत्रित किया गया है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी एम.एफ.पी.-पार्क श्री अभय पाटिल ने कार्यक्रम का संचालन करते हुये बताया कि संस्था द्वारा लगभग 250 से अधिक हर्बल उत्पादों का निर्माण किया जा रहा है। यहां एक उन्नत प्रयोगशाला की परीक्षण सुविधायें किसानों व प्रसंस्करणकर्ताओं को उपलब्ध है। एम.एफ.सी.-पार्क भोपाल द्वारा 55 से अधिक प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन आदिवासी ग्रामीणों, स्व:सहायता समूहों, कर्मचारियों, अधिकारियों, प्रसंस्करणकर्ताओं, विद्यार्थियों तथा सामान्य वर्ग के लिए किया गया है।
प्रारंभ में श्री विश्वास सांरग ने दीप प्रज्जवलन कर प्रशिक्षण सत्र का उद्घाटन किया। अपर प्रबंध संचालक राज्य लघु वनोपज संघ श्री रवि श्रीवास्तव ने आभार व्यक्त करते हुये कहा कि यह प्रशिक्षण आने वाले समय में गैर इमारती वनोपज क्षेत्र में नये सोपान तय करेगा। प्रशिक्षण सत्र में आन्ध्रप्रदेश, असम, मिजोरम, नागालैंड, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, अंडमान एवं निकोबार तथा मध्यप्रदेश एवं अन्य राज्यों से आये अधिकारी भाग ले रहे हैं।
0 comments:
Post a Comment