विद्युत नेटवर्क के चलते गत वर्ष के मुकाबले मांग में कमी
रबी मौसम में कृषि पम्पों के भार की वजह से वर्तमान में विद्युत की मांग करीब 6600 मेगावॉट अधिकतम बनी हुई है। इसकी पूर्ति के लिये हर-संभव प्रयास किये जा रहे हैं। इस वर्ष विद्युत नेटवर्क के संचालन पर विशेष ध्यान दिया गया।
इसके चलते गत वर्ष के मुकाबले मांग में कमी आई है। साथ ही इस वर्ष रात्रि में 1400 मेगावॉट की विद्युत बैंकिंग की जा रही है। केन्द्रीय उपक्रम से प्रदेश को 460 मेगावॉट बिजली कम प्राप्त हो रही है।
प्रदेश में गत वर्षा ऋतु में ताप विद्युतगृहों का रख-रखाव किया गया था। इसके कारण ताप विद्युत उत्पादन अधिकतम 2300 मेगावॉट तथा 76 प्रतिशत पी.एल.एफ. पर चल रहा है। कुल जल विद्युत उत्पादन 1500 मेगावॉट का किया जा रहा है।
प्रदेश में गत वर्षा ऋतु में ताप विद्युतगृहों का रख-रखाव किया गया था। इसके कारण ताप विद्युत उत्पादन अधिकतम 2300 मेगावॉट तथा 76 प्रतिशत पी.एल.एफ. पर चल रहा है। कुल जल विद्युत उत्पादन 1500 मेगावॉट का किया जा रहा है।
इसमें से विद्युत मण्डल के जलगृहों से अधिकतम विद्युत उत्पादन 500 मेगावॉट, इन्दिरा सागर से 700 मेगावॉट, ओंकारेश्वर से 250 मेगावॉट तथा सरदार सरोवर से 50 मेगावॉट का विद्युत उत्पादन किया जा रहा है। केन्द्रीय उपक्रम से 2160 मेगावॉट के स्थान पर केवल 1700 मेगावॉट का विद्युत का अंश प्रदेश को मिल रहा है। साथ ही इस वर्ष दामोदर वेली कार्पोरेशन में कोयला कम होने के कारण प्रदेश को 400 मेगावॉट के स्थान पर मात्र 40 मेगावॉट विद्युत प्राप्त हो रही है।
प्रदेश में इस वर्ष विद्युत नेटवर्क के संचालन पर विशेष ध्यान दिये जाने के पारिणामस्वरूप इस वर्ष विद्युत की अधिकतम मांग 6600 मेगावॉट तक ही पहुंच पाई है, जबकि गत वर्ष यह 7500 मेगावॉट थी।
रबी मौसम में इस वर्ष रात्रि में 1400 मेगावॉट की विद्युत बैंकिंग की जा रही है। विद्युत की बैंकिंग जिन पांच राज्यों से की जा रही है उनमें पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, आंध्रप्रदेश तथा महाराष्ट्र शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश द्वारा वर्षा ऋतु में बिजली की अधिक उपलब्धता को देखते हुए विद्युत अन्य राज्यों को दी जाती है। रबी मौसम में विद्युत की मांग को अधिक देखते हुए इसका 105 प्रतिशत वापस प्रदेश को मिल जाता है।
प्रदेश में इस वर्ष विद्युत नेटवर्क के संचालन पर विशेष ध्यान दिये जाने के पारिणामस्वरूप इस वर्ष विद्युत की अधिकतम मांग 6600 मेगावॉट तक ही पहुंच पाई है, जबकि गत वर्ष यह 7500 मेगावॉट थी।
रबी मौसम में इस वर्ष रात्रि में 1400 मेगावॉट की विद्युत बैंकिंग की जा रही है। विद्युत की बैंकिंग जिन पांच राज्यों से की जा रही है उनमें पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, आंध्रप्रदेश तथा महाराष्ट्र शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश द्वारा वर्षा ऋतु में बिजली की अधिक उपलब्धता को देखते हुए विद्युत अन्य राज्यों को दी जाती है। रबी मौसम में विद्युत की मांग को अधिक देखते हुए इसका 105 प्रतिशत वापस प्रदेश को मिल जाता है।
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