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Sunday, November 8, 2009

रबी मौसम में विद्युत प्रदाय के लिये कंट्रोल रूम की स्थापना

अस्पताल तथा न्यायालय विद्युत कटौती से मुक्त
Bhopal:Saturday, November 7, 2009:Updated 17:35IST प्रदेश में किसानों को रबी मौसम में सिंचाई के लिये विद्युत प्रदाय के लिये सभी आवश्यक तैयारियां की गई हैं। रबी मौसम में विद्युत कम्पनी स्तर पर कंट्रोल रूम की स्थापना भी की गई है। किसान रबी फसलों का पलेवा कर सकें इसे देखते हुए शासन द्वारा विशेष प्रयास किये जा रहे हैं।
सभी मुख्य ताप विद्युतगृहों का रख-रखाव कार्य भी पूर्ण कर लिया गया है। विद्युत बैंकिंग के तहत 700 मेगावॉट बिजली दूसरे राज्यों से प्राप्त की जा रही है। यह प्रदेश अपने उत्पादन गृहों से कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि रबी मौसम में अतिरिक्त बिजली खरीदे बिना विद्युत का प्रदाय किया जा रहा है।
ऐसी स्थिति चार साल में पहली बार बनी है। यह संभव हुआ है विद्युत के बेहतर प्रबंध के चलते। इसी प्रकार विद्युत के नेटवर्क पर विशेष ध्यान दिये जाने के साथ ही अपव्यय को भी रोका गया है।
संभागीय मुख्यालय, जिला, तहसील तथा ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत प्रदाय के लिये समय भी निर्धारित किया गया है। प्रदेश की राजधानी भोपाल को विद्युत कटौती से मुक्त रखा गया है। राजधानी के जिन फीडरों पर राजस्व प्राप्त नहीं हो रहा है केवल उन्हीं फीडरों पर विद्युत कटौती की जा रही है।
साथ ही प्रदेश के अस्पताल तथा न्यायालय भी विद्युत कटौती से मुक्त रखे गये हैं। रबी मौसम में नवम्बर माह के दौरान प्रदेश के संभागीय मुख्यालयों में 20 घंटे, जिला मुख्यालयों पर 18 घंटे, तहसील मुख्यालयों पर 14 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 10 घंटे विद्युत प्रदाय की जायेगी।
विद्युत वितरण एवं पारेषण नेटवर्क के तहत 220 के.व्ही., 33 के.व्ही. तथा 11 के.व्ही. निम्न दाब लाईनों तथा उपकेन्द्रों का रख-रखाव कार्य करीब-करीब पूर्ण कर लिया गया है। साथ ही जिन फीडरों पर विगत 12 माह में विद्युत प्रदाय संतोषजनक नहीं हुआ है अथवा बार-बार व्यवधान आया है उन फीडरों का प्राथमिकता पर रख-रखाव किया गया है।
रबी मौसम शुरू होने के पूर्व समस्त वितरण ट्रांसफार्मरों का भौतिक सत्यापन कर उनमें आईल की कमी तथा तकनीकी त्रुटियों का निदान भी किया गया है। सभी जले/खराब ट्रांसफार्मरों को निर्धारित समय-सीमा तथा ग्रामीण क्षेत्रों में किसी भी माध्यम से प्राप्त सूचना के 72 घंटे एवं शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे के पूर्व बदले तथा जले हुए ट्रांसफार्मरों को बिना किसी विलंब के दुरुस्त कराकर चालू किया जाना सुनिश्चित किया जा रहा है।
विद्युत कटौती की अवधि में ही जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदले जा रहे हैं जिससे विद्युत प्रदाय की घोषित अवधि में अवरोध उत्पन्न न हो।
सिंचाई के लिये कृषकों को अस्थाई कनेक्शन प्रदान करने में विलंब न हो यह सुनिश्चित किया जा रहा है। वितरण ट्रांसफार्मरों की सुरक्षा के लिये पूर्व में गठित ग्राम सुरक्षा समितियों को पुनर्जीवित कर ग्रामीणों का सहयोग प्राप्त करने के लिये निर्देश दिये गये हैं।
सभी 33/11 के।व्ही. उपकेन्द्रों में स्थापित कैपेसिटर बैंक को सुधारा गया है। विद्युत बिलों की गड़बड़ी के निराकरण के लिये समय-समय पर विभिन्न स्थानों पर विद्युत पंचायत भी आयोजित की जा रही है। प्रत्येक ग्राम पंचायत, कोटवारों, उत्साही ग्रामीणों से सहयोग प्राप्त कर सूचना तंत्र विकसित किया जा रहा है, जिससे ट्रांसफार्मर खराब तथा लाईन काटने, कंडेक्टर चोरी करने इत्यादि की जानकारी तुरंत प्राप्त हो सके तथा कम से कम अवधि में व्यवस्था बहाल की जा सके।
कम्पनी स्तर पर कंट्रोल रूम की स्थापना
रबी मौसम में कम्पनी स्तर पर कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है। इसके तहत अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है ताकि तुरंत व्यवस्था बहाल करने में सुचारु रूप से कार्य किया जा सके। विद्युत उपकेन्द्रों का उच्च अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जा रहा है।

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