अब तक 3 लाख मेट्रिक टन रसायन उर्वरक का वितरण
मध्यप्रदेश में पिछले दिनों हुई लगातार बारिश के बाद रबी सीजन में बोनी के कार्य में तेजी आई है। प्रदेश में अब तक 65.41 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी किये जाने की सूचना है। रबी सीजन में चना 26.57 लाख हेक्टेयर, मसूर 6.24 लाख हेक्टेयर, गेहूँ 18.54 लाख हेक्टेयर एवं सरसो 8.53 लाख हेक्टेयर में किसानों द्वारा बोया जा चुका है। प्रदेश में इस वर्ष 92 लाख हेक्टेयर में बोनी का कार्यक्रम तय किया गया है।प्रदेश में 65.41 लाख हेक्टेयर में रबी की बोनी का कार्य पूरा। 92 लाख हेक्टेयर में रबी की बोनी का कार्यक्रम
सहकारी संस्थाओं के माध्यम से किसानों को 3 लाख 4 हजार मेट्रिक टन रसायन उर्वरक का वितरण
प्रदेश के सागर संभाग में 83 प्रतिशत, चंबल संभाग में 79 प्रतिशत, उज्जैन संभाग में 77 प्रतिशत, भोपाल संभाग में 77 प्रतिशत, रीवा में 76 प्रतिशत, ग्वालियर में 68 प्रतिशत, इंदौर में 66 प्रतिशत, शहडोल में 79 प्रतिशत, जबलपुर में 60 प्रतिशत बोनी हुई है।
सहकारी संस्थाओं के माध्यम से किसानों को 3 लाख 4 हजार मेट्रिक टन रसायन उर्वरक का वितरण
प्रदेश के सागर संभाग में 83 प्रतिशत, चंबल संभाग में 79 प्रतिशत, उज्जैन संभाग में 77 प्रतिशत, भोपाल संभाग में 77 प्रतिशत, रीवा में 76 प्रतिशत, ग्वालियर में 68 प्रतिशत, इंदौर में 66 प्रतिशत, शहडोल में 79 प्रतिशत, जबलपुर में 60 प्रतिशत बोनी हुई है।
प्रदेश में इन दिनों गेहूँ की बोनी का कार्य तेज गति से चल रहा है। प्रदेश में इस वर्ष 38 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूँ की बोनी किये जाने का कार्यक्रम तय किया गया था। राज्य में पूर्व में 84.77 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में रबी की बोनी किये जाने का कार्यक्रम तय किया गया था। इस वर्ष अक्टूबर माह में हुई बारिश के बाद रबी का संशोधित कार्यक्रम तैयार किया गया।
प्रदेश में इस वर्ष 92 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में रबी की बोनी किये जाने का कार्यक्रम तय किया गया। बोनी का 8 लाख हेक्टेयर रकबा बढ़ने से रसायन उर्वरक की मांग भी बढ़ी है। प्रदेश में पिछले पांच हफ्तों में प्रतिदिन 1.25 लाख से 1.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी किसानों द्वारा की गई है।
प्रदेश में किसानों को रसायन उर्वरक किसानों की मांग के अनुसार मिल सके इसके लिये कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती रंजना चौधरी द्वारा मंत्रालय में नियमित रूप से समीक्षा की जा रही है। किसानों को कितना यूरिया लगेगा उसका आंकलन जिले वार तैयार किया गया है। इसके अनुरूप कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा रेल मंत्रालय को भी नियमित रूप से रैक लगाए जाने का अनुरोध किया गया है।
प्रदेश में किसानों को रसायन उर्वरक किसानों की मांग के अनुसार मिल सके इसके लिये कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती रंजना चौधरी द्वारा मंत्रालय में नियमित रूप से समीक्षा की जा रही है। किसानों को कितना यूरिया लगेगा उसका आंकलन जिले वार तैयार किया गया है। इसके अनुरूप कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा रेल मंत्रालय को भी नियमित रूप से रैक लगाए जाने का अनुरोध किया गया है।
प्रदेश में वर्तमान में सहकारी संस्थाओं में 3 लाख 89 हजार 714 मेट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध है। इनमें यूरिया एक लाख 69 हजार 999 मेट्रिक टन, सुपर फास्फेट 65 हजार 662 मेट्रिक टन, डीएपी एक लाख 76 हजार 252 मेट्रिक टन, कॉम्पलेक्स इफको 22 हजार 439 एवं पोटाश 8 हजार 362 मेट्रिक टन है। उपलब्ध उर्वरक में से अब तक किसानों को 3 लाख 4 हजार 617 मेट्रिक टन उर्वरक मांग के अनुसार वितरित किया जा चुका है। किसानों को 2 हजार 720 क्विंटल बीजोपचार औषधि का वितरण भी किया जा चुका है।
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