कॉल सेंटर में 30 कृषि विषय विशेषज्ञ कार्यरत
Bhopal:Tuesday, October 27, 2009:Updated 15:38IST कृषि विकास एंव किसान कल्याण विभाग द्वारा संचालित किसान कॉल सेंटर में इन दिनों प्रदेश भर के अंचलों से किसानों के रबी फसल की बुवाई के संबंध में फोन काल्स प्राप्त हो रहे हैं। किसान कॉल सेंटर में उपलब्ध कृषि विशेषज्ञ किसानों को रबी फसल की बुवाई एवं रबी फसलों की किस्मों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। किसानों को इस कॉल सेंटर के जरिए पशुपालन, मछली पालन एवं उद्यानिकी विषयों से संबंधित सवालों के जवाब भी दिये जा रहे हैं। किसान कॉल सेंटर के जरिए पिछले एक वर्ष में लगभग एक लाख 85 हजार कॉल्स के माध्यम से किसानों की समस्याओं का निराकरण किया गया है।
किसान कॉल सेंटर में 30 कृषि विषय विशेषज्ञ कार्यरत हैं जो किसानों को कृषि से जुड़ी अन्य विषयों की आधुनिक तकनीकों की जानकारी किसानों को दे रहे हैं।
किसानों को खेती की अद्यतन एवं व्यवहारिक जानकारियां उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से भोपाल के गंगोत्री भवन में इंडियन सोसायटी ऑफ एग्रीबिजनेस प्रौफेशनल्स (आईसेप) द्वारा सितम्बर 2008 से कॉल सेंटर का संचालन किया जा रहा है।
कॉल सेंटर की रिजनल कॉडीनेटर श्री सुरेश मोटवानी ने बताया कि पूरे भारत में प्रदेश स्तर पर एक अनूठा व एक मात्र कॉल सेंटर है जो प्रात: 7 बजे से शाम 7 बजे तक सातों दिन किसानों को नि:शुल्क सेवायें दे रहा है। किसान कॉल सेंटर में टोल फ्री नम्बर 1800-233-4433 है। इस नम्बर पर 15 लाईनें उपलब्ध हैं जिन पर एक साथ 15 कॉल्स एक साथ अटेंड किये जा सकते हैं।
इस कॉल सेंटर में एक सॉफ्टवेयर ऐसा भी तैयार किया गया है जिसमें आमतौर पर किसानों द्वारा पूछे जाने वाले एक जैसे सवालों के लिये उपयुक्त उत्तर तैयार कर रिकार्डेड कराया गया है। इस सॉफ्टवेयर में कीट नियंत्रण पर जानकारी का विशेष रूप से समावेश किया गया है।
प्रदेश के 9 जिले ऐसे हैं जिनमें वर्ष भर में 5 हजार से ज्यादा किसानों ने संपर्क किया है। इनमें बैतूल, छतरपुर, दतिया, राजगढ़, सागर, शाजापुर, शिवपुरी, टीकमगढ़ एवं विदिशा है। किसान कॉल सेंटर में वर्ष भर में 55 हजार सवाल किसानों के उद्यानिकी फसलों से संबंधित थे।
किसानों को टिशु कल्चर से केले की फसल लेने की तकनीक के बारे में भी जानकारी दी गयी। इस जानकारी से खण्डवा-बुरहानपुर बेल्ट में केले की फसल के उत्पादन में काफी वृद्धि हुई है। किसान कॉल सेंटर में पशुपालन एवं मत्स्य पालन से संबंधित 9 हजार कॉल्स आये इनमें किसानों द्वारा उन्नत दुधारू पशुओं की नस्ल, टीकाकरण, पशु आहार, मत्स्य पालन आदि के बारे में जानकारी प्राप्त की गयी।
किसान कल्याण विभाग द्वारा क्षेत्रीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्देश दिये गये हैं कि वे किसानों को भोपाल में संचालित किसान कॉल सेंटर की अधिक से अधिक जानकारी दें, जिससे किसान अपनी समस्याओं का निराकरण विषय-विशेषज्ञ से सीधे कर सकें।
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