ग्रामीणों को जैविक खेती के लिये प्रोत्साहित करें
Bhopal:Wednesday, October 28, 2009:Updated 17:42IST किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया ने कहा है कि प्रदेश में रबी सीजन में किसानों को खाद-बीज की कमी नहीं होने दी जायेगी। उन्होंने कृषि अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे किसानों को उनकी मांग के अनुरूप खाद-बीज की आपूर्ति सुनिश्चित करें। कृषि विकास मंत्री डॉ. कुसमरिया मंगलवार को भोपाल जिले के ग्राम बरखेड़ी अब्दुल्ला में किसानों से बातचीत कर रहे थे।कृषि विकास मंत्री डॉ. कुसमरिया मंगलवार को आकस्मिक रूप से इस गांव में पहुंचे थे। उन्होंने कृषकों से फसलों की स्थिति एवं खाद एवं बीज की आपूर्ति के बारे में जानकारी प्राप्त की। कृषि विकास मंत्री ने कृषि अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे जिले के प्रत्येक गांव में ग्रामीणों को जैविक खेती के लिये प्रोत्साहित करें।
कृषकों ने कृषि मंत्री के समक्ष भोपाल की करोंद मण्डी में अनाज की नीलामी एवं भुगतान प्रक्रिया की दिक्कतों के बारे में बताया। करोंद मण्डी के सचिव श्री रोहणी चक्रवर्ती ने बताया कि इन दिनों करोंद मण्डी में आवक अधिक होने के कारण व्यस्तता ज्यादा बढ़ गई है।
मण्डी प्रशासन का प्रयास है कि व्यवस्थाओं में और सुधार कर किसानों को और बेहतर सुविधा दी जाये। उन्होंने बताया कि मण्डी में 50 नग इलेक्ट्रानिक तौल कांटे के लगे हुए हैं। किसानों को नीलामी के बाद उनकी अनाज के तत्काल भुगतान की व्यवस्था की गई है।
भोपाल संभाग के संयुक्त संचालक श्री डी.के. दुबे ने बताया कि अक्टूबर माह के प्रारंभ में हुई बारिश से इस वर्ष संभाग में रबी सीजन में 14 लाख 10 हजार हेक्टेयर के करीब बोनी की जायेगी। संभाग में गेहूँ 5 लाख 81 हजार हेक्टेयर में और चना 6 लाख 17 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बोया जायेगा।
संभाग में इस वर्ष 2 लाख 56 हजार 550 मेट्रिक टन फर्टिलाइजर के वितरण का कार्यक्रम तय किया गया है। अब तक 78 हजार मेट्रिक टन से अधिक फर्टिलाइजर का भण्डारण हो चुका है। किसानों को उनकी मांग के अनुसार 54 हजार मेट्रिक टन से अधिक फर्टिलाइजर का वितरण किया जा चुका है।
संभाग में किसानों की मांग के अनुरूप फर्टिलाइजर की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। किसानों को प्रमाणित बीज के बोने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है। किसानों को 71 हजार क्विंटल से अधिक का प्रमाणित बीज वितरित किया जा चुका है। किसानों को प्रमाणित बीज पर अनुदान भी दिया जा रहा है।
कृषि मंत्री डॉ. कुसमरिया ने किसानों से बिजली आपूर्ति के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने ग्रामीणों को उन्नत नस्ल के दुधारु पशु पालन के लिये कहा।
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