प्रदेश में खेती का लाभ का धंधा बनाने के लिये चयनित गाँवों में 5 से 10 हेक्टेयर रकबे में आदर्श कृषि फार्म विकसित किये जायेंगे। इन कृषि फार्मों में कृषि की आधुनिक तकनीकों, जैविक पद्धति, बायोगैस एवं कृषि उपकरणों की जानकारी के साथ-साथ किसानों को उद्यानिकी एवं अन्य गतिविधियों की जानकारी प्रायोगिक तौर पर दी जायेगी।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री डॉ। रामकृष्ण कुसमरिया ने उक्त जानकारी पिछले दिनों भोपाल के नजदीक शासकीय फन्दा कृषि फार्म के आकस्मिक निरीक्षण के बाद दी। निरीक्षण के दौरान बताया गया कि फन्दा कृषि फार्म लाभ की स्थिति में है।
इन आदर्श कृषि फार्मों में किसानों को मत्स्य पालन, पशुपालन, सब्जी-फल उत्पादन, औषधि खेती, मधुमक्खी पालन, रेशम पालन आदि के बारे में एक ही स्थान पर जानकारी दी जायेगी। कृषि विकास मंत्री डॉ. कुसमरिया ने कहा कि प्रदेश में खेती को लाभ का धंघा बनाने के लिये किसानों को परम्परागत फसल लेने के अलावा कृषि से जुड़ी अन्य गतिविधियों की जानकारी दिया जाना जरूरी है। कृषि विभाग इन तमाम गतिविधियों को एक क्षेत्र में आदर्श रूप में प्रस्तुत कर किसानों को इनसे जुड़ने के लिये प्रोत्साहित करेगा। प्रदेश में वर्तमान में किसानों को जैविक खेती से अधिक से अधिक जोड़ने के लिये प्रयास किये जा रहे हैं। इस समय 3130 गांव का चयन जैविक ग्राम के रूप में किया गया है।
कृषि विकास मंत्री ने अपने निरीक्षण के दौरान फन्दा कृषि फार्म में गौशाला, नाडेप एवं वर्मी कम्पोस्ट की विधि को देखा। फन्दा कृषि फार्म के प्रभारी श्री मनोहर दिलवारिया ने बताया कि लगभग 120 हेक्टेयर के इस कृषि फार्म की गौशाला में 125 गायों का पालन किया जा रहा है। इनमें गौमूत्र एवं गोबर का उपयोग बायो गैस संयंत्र एवं जैविक औषधि के लिये किया जा रहा है। कृषि मंत्री ने नाडेप एवं वर्मी कम्पोस्ट की प्रक्रिया को देखा।
कृषि फार्म के बायोगैस संयंत्र से पैदा होने वाली बिजली का उपयोग फार्म हाउस में लगे हेलोजन बल्ब को जलाने में किया जा रहा है। कृषि विकास मंत्री डॉ. कुसमरिया ने बीज प्रोसेसिंग मशीन का निरीक्षण किया। कृषि फार्म में रबी एवं खरीफ सीजन में उन्नत एवं प्रमाणित बीज पैदा किया जा रहा है। साथ ही आसपास के किसानों के उन्नत बीज की ग्रेडिंग भी की जा रही है।
संयुक्त संचालक कृषि श्री डी.के. दुबे ने बताया कि कृषि फार्म में राज्य के अलावा अन्य राज्यों के किसानों के दल नियमित रूप से जैविक खेती एवं बीज प्रोसेसिंग देखने को आते हैं। कृषि विकास मंत्री को बताया गया कि फार्म हाउस में लगी सोयाबीन की उन्नत किस्म जे.एस. 9305 को हाल ही में हुई बारिश के बाद भी नुकसान नहीं पहुंचा है। कृषि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे कृषि फार्म को देखने आने वाले किसानों को उन्नत फसलों की विभिन्न किस्मों के बारे में भी जानकारी दें। इस मौके पर कृषि विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री डॉ। रामकृष्ण कुसमरिया ने उक्त जानकारी पिछले दिनों भोपाल के नजदीक शासकीय फन्दा कृषि फार्म के आकस्मिक निरीक्षण के बाद दी। निरीक्षण के दौरान बताया गया कि फन्दा कृषि फार्म लाभ की स्थिति में है।
इन आदर्श कृषि फार्मों में किसानों को मत्स्य पालन, पशुपालन, सब्जी-फल उत्पादन, औषधि खेती, मधुमक्खी पालन, रेशम पालन आदि के बारे में एक ही स्थान पर जानकारी दी जायेगी। कृषि विकास मंत्री डॉ. कुसमरिया ने कहा कि प्रदेश में खेती को लाभ का धंघा बनाने के लिये किसानों को परम्परागत फसल लेने के अलावा कृषि से जुड़ी अन्य गतिविधियों की जानकारी दिया जाना जरूरी है। कृषि विभाग इन तमाम गतिविधियों को एक क्षेत्र में आदर्श रूप में प्रस्तुत कर किसानों को इनसे जुड़ने के लिये प्रोत्साहित करेगा। प्रदेश में वर्तमान में किसानों को जैविक खेती से अधिक से अधिक जोड़ने के लिये प्रयास किये जा रहे हैं। इस समय 3130 गांव का चयन जैविक ग्राम के रूप में किया गया है।
कृषि विकास मंत्री ने अपने निरीक्षण के दौरान फन्दा कृषि फार्म में गौशाला, नाडेप एवं वर्मी कम्पोस्ट की विधि को देखा। फन्दा कृषि फार्म के प्रभारी श्री मनोहर दिलवारिया ने बताया कि लगभग 120 हेक्टेयर के इस कृषि फार्म की गौशाला में 125 गायों का पालन किया जा रहा है। इनमें गौमूत्र एवं गोबर का उपयोग बायो गैस संयंत्र एवं जैविक औषधि के लिये किया जा रहा है। कृषि मंत्री ने नाडेप एवं वर्मी कम्पोस्ट की प्रक्रिया को देखा।
कृषि फार्म के बायोगैस संयंत्र से पैदा होने वाली बिजली का उपयोग फार्म हाउस में लगे हेलोजन बल्ब को जलाने में किया जा रहा है। कृषि विकास मंत्री डॉ. कुसमरिया ने बीज प्रोसेसिंग मशीन का निरीक्षण किया। कृषि फार्म में रबी एवं खरीफ सीजन में उन्नत एवं प्रमाणित बीज पैदा किया जा रहा है। साथ ही आसपास के किसानों के उन्नत बीज की ग्रेडिंग भी की जा रही है।
संयुक्त संचालक कृषि श्री डी.के. दुबे ने बताया कि कृषि फार्म में राज्य के अलावा अन्य राज्यों के किसानों के दल नियमित रूप से जैविक खेती एवं बीज प्रोसेसिंग देखने को आते हैं। कृषि विकास मंत्री को बताया गया कि फार्म हाउस में लगी सोयाबीन की उन्नत किस्म जे.एस. 9305 को हाल ही में हुई बारिश के बाद भी नुकसान नहीं पहुंचा है। कृषि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे कृषि फार्म को देखने आने वाले किसानों को उन्नत फसलों की विभिन्न किस्मों के बारे में भी जानकारी दें। इस मौके पर कृषि विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे।
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