खाद्य आपूर्ति राज्य मंत्री श्री पारसचंद्र जैन ने आज यहां प्रदेश के राइस मिलर्स महासंघ से चर्चा कर उनके द्वारा उठाई गई कई माँगों को मान लिया। श्री जैन ने यह वादा खास तौर पर किया कि अब से हर सीजन में चावल लेव्ही तय होने के पहले राइस मिलर्स से चर्चा कर दिक्कतों का समाधान किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि मौजूदा खरीफ विपणन साल में चावल पर लेव्ही की नीति हाल ही में तय कर दी गई है। इस पर अमल के पहले आज राज्य मंत्री श्री जैन ने महासंघ को बुलाकर यहाँ चर्चा की।
मिलिंग दर बढ़ाने का प्रस्ताव वित्त को
आज राइस मिलर्स महासंघ ने चावल की लेव्ही के लिए कस्टम मिलिंग की मौजूदा 10 रुपए प्रति क्विंटल की दर में इजाफे की माँग उठाई थी। इसे खाद्य आपूर्ति राज्य मंत्री श्री पारस चंद्र जैन ने सैद्धांतिक रूप से मंजूर कर दिया। इस दर में मुनासिब इजाफे का प्रस्ताव जल्द वित्त विभाग को भेजा जाएगा। श्री जैन ने यह भरोसा भी दिलाया कि इस मामले में वित्त विभाग से बाकायदा पैरवी और सिफारिश की जाएगी क्योंकि इन दरों में कई सालों से इजाफा नहीं हुआ है।
मिलिंग अवधि एक महीने बढ़ी
महासंघ ने लेव्ही को लेकर चावल मिलिंग की एक महीने की मौजूदा अवधि को नाकाफी बताया था। राज्य मंत्री श्री जैन ने आज मौके पर ही अपनी रजामंदी जताते हुए इसे बढ़ाकर दो महीने कर दिया। मिल वालों का कहना यह भी था कि लेव्ही चावल संग्रहण के लिए एक बार इस्तेमाल हो चुके बारदाने की दरें भिन्न होने और वाजिब नहीं होने के चलते उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है।
राज्य मंत्री श्री जैन ने इसे मंजूर करते हुए प्रदेश में इन बारदानों की एक समान और वाजिब दर तय करने का ऐलान किया। आज से अफसरों ने इस पर काम शुरू कर दिया है। श्री जैन ने अलबत्ता सरकार का यह पक्ष भी साफ कर दिया कि बारदाने वापिस नहीं लिए जाएंगे।
राज्य मंत्री श्री जैन ने यह माँग भी मान ली कि मिलर्स को भण्डारण के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध कराई जाए। इस इंतजाम के लिए अफसरों ने फौरन संपर्क शुरू कर दिया है महासंघ यह भी चाहता था कि लेव्ही के सिलसिले में बनी जिला स्तरीय कमेटियों में चावल मिलर्स का प्रतिनिधित्व हो ताकि कुछ व्यावहारिक दिक्कतों का मौके पर ही निदान हो जाए। राज्य मंत्री श्री जैन ने इससे सहमत होते हुए जिला स्तरीय कमेटियों में एक प्रतिनिधि शामिल करने की मंजूरी दे दी है। कलेक्टरों को इस बारे में खबर की जा रही है।
धान की मिलिंग पहले करें
राज्य मंत्री श्री जैन ने राइस मिलर्स महासंघ से यह अपील भी की कि प्रदेश के सार्वजनिक वितरण प्रणाली से जुड़े उपभोक्ताओं के हित में सरकार के लिए धान की मिलिंग पहले की जाए। इसी तरह उसकी गुणवत्ता पर कोई आँच नहीं आए। उन्होंने यह भी कहा कि चावल के मिलर्स अपने करीब के जिलों में ही धान जमा करें ताकि उन्हें अनावश्यक परिवहन व्यय नहीं भुगतना पड़े। श्री जैन ने आश्वस्त किया कि सरकार व्यापारियों के साथ अन्याय कभी होने नहीं देगी लेकिन उन्हें जनता के व्यापक हितों में कानून के दायरे में रह कर काम करना होगा।
महासंघ ने की तारीफ
मध्यप्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री ललित माहेश्वरी ने राज्य सरकार के इस कदम की सराहना की कि पहली बार उसने महासंघ से रूबरू होकर उनकी समस्याओं पर गौर किया। इस मौके पर सतना, जबलपुर, बालाघाट, मंडला, डबरा और गाडरवारा जगहों के जहाँ चावल मिलें हैं, सभी मिलर्स मौजूद थे। राज्य सरकार की तरफ से प्रमुख सचिव खाद्य श्री अशोक दास, आयुक्त श्री अजीत केसरी तथा भंडार गृह निगम, भारतीय खाद्य निगम, राज्य विपणन संघ मंडी बोर्ड के आला और मैदानी अफसर भी मौजूद थे।
मिलिंग दर बढ़ाने का प्रस्ताव वित्त को
आज राइस मिलर्स महासंघ ने चावल की लेव्ही के लिए कस्टम मिलिंग की मौजूदा 10 रुपए प्रति क्विंटल की दर में इजाफे की माँग उठाई थी। इसे खाद्य आपूर्ति राज्य मंत्री श्री पारस चंद्र जैन ने सैद्धांतिक रूप से मंजूर कर दिया। इस दर में मुनासिब इजाफे का प्रस्ताव जल्द वित्त विभाग को भेजा जाएगा। श्री जैन ने यह भरोसा भी दिलाया कि इस मामले में वित्त विभाग से बाकायदा पैरवी और सिफारिश की जाएगी क्योंकि इन दरों में कई सालों से इजाफा नहीं हुआ है।
मिलिंग अवधि एक महीने बढ़ी
महासंघ ने लेव्ही को लेकर चावल मिलिंग की एक महीने की मौजूदा अवधि को नाकाफी बताया था। राज्य मंत्री श्री जैन ने आज मौके पर ही अपनी रजामंदी जताते हुए इसे बढ़ाकर दो महीने कर दिया। मिल वालों का कहना यह भी था कि लेव्ही चावल संग्रहण के लिए एक बार इस्तेमाल हो चुके बारदाने की दरें भिन्न होने और वाजिब नहीं होने के चलते उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है।
राज्य मंत्री श्री जैन ने इसे मंजूर करते हुए प्रदेश में इन बारदानों की एक समान और वाजिब दर तय करने का ऐलान किया। आज से अफसरों ने इस पर काम शुरू कर दिया है। श्री जैन ने अलबत्ता सरकार का यह पक्ष भी साफ कर दिया कि बारदाने वापिस नहीं लिए जाएंगे।
राज्य मंत्री श्री जैन ने यह माँग भी मान ली कि मिलर्स को भण्डारण के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध कराई जाए। इस इंतजाम के लिए अफसरों ने फौरन संपर्क शुरू कर दिया है महासंघ यह भी चाहता था कि लेव्ही के सिलसिले में बनी जिला स्तरीय कमेटियों में चावल मिलर्स का प्रतिनिधित्व हो ताकि कुछ व्यावहारिक दिक्कतों का मौके पर ही निदान हो जाए। राज्य मंत्री श्री जैन ने इससे सहमत होते हुए जिला स्तरीय कमेटियों में एक प्रतिनिधि शामिल करने की मंजूरी दे दी है। कलेक्टरों को इस बारे में खबर की जा रही है।
धान की मिलिंग पहले करें
राज्य मंत्री श्री जैन ने राइस मिलर्स महासंघ से यह अपील भी की कि प्रदेश के सार्वजनिक वितरण प्रणाली से जुड़े उपभोक्ताओं के हित में सरकार के लिए धान की मिलिंग पहले की जाए। इसी तरह उसकी गुणवत्ता पर कोई आँच नहीं आए। उन्होंने यह भी कहा कि चावल के मिलर्स अपने करीब के जिलों में ही धान जमा करें ताकि उन्हें अनावश्यक परिवहन व्यय नहीं भुगतना पड़े। श्री जैन ने आश्वस्त किया कि सरकार व्यापारियों के साथ अन्याय कभी होने नहीं देगी लेकिन उन्हें जनता के व्यापक हितों में कानून के दायरे में रह कर काम करना होगा।
महासंघ ने की तारीफ
मध्यप्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री ललित माहेश्वरी ने राज्य सरकार के इस कदम की सराहना की कि पहली बार उसने महासंघ से रूबरू होकर उनकी समस्याओं पर गौर किया। इस मौके पर सतना, जबलपुर, बालाघाट, मंडला, डबरा और गाडरवारा जगहों के जहाँ चावल मिलें हैं, सभी मिलर्स मौजूद थे। राज्य सरकार की तरफ से प्रमुख सचिव खाद्य श्री अशोक दास, आयुक्त श्री अजीत केसरी तथा भंडार गृह निगम, भारतीय खाद्य निगम, राज्य विपणन संघ मंडी बोर्ड के आला और मैदानी अफसर भी मौजूद थे।
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