प्रदेश में खरीफ साल 2009-10 में समर्थन मूल्य पर मोटे अनाज की खरीदी के लिए तैयारियाँ शुरू हो गई हैं। उपार्जन का सिलसिला 15 अक्टूबर से शुरू होकर 15 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान धान, ज्वार, बाजरा और मक्का खरीदे जाएंगे। केन्द्र सरकार ने धान कॉमन के लिए 950 रुपए और धान “ए’’ ग्रेड के लिए 980 रुपए प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य घोषित किया है। मोटे अनाज में औसत अच्छी गुणवत्ता के ज्वार, बाजरा और मक्का के लिए समर्थन मूल्य 840 रुपए प्रति क्विंटल रहेगा।
उपार्जन एजेंसियाँ
धान का उपार्जन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ और मध्यप्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के जिम्मे किया गया है। ज्वार, बाजरा और मक्का की खरीद सिर्फ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम करेगी। उन 11 जिलों में जहाँ धान की फसल प्रमुखत: पैदा की जाती है वहाँ उपार्जन के लिए दोनों एजेंसियों के बीच जिले बाँट दिए गए हैं। अन्य धान उत्पादन वाले जिलों में भी उपार्जन कार्य का युक्तिसंगत बंटवारा किया गया है।
कृषि साख सेवा सहकारी समितियाँ होंगी एजेंट
उपरोक्त दोनों उपार्जन एजेंसियों के लिए धान एवं मोटे अनाज के उपार्जन का काम संबंधित क्षेत्रों की कृषि साख सेवा सहकारी समितियों के जरिए होगा और ये बतौर एजेंट काम करेंगी। इनका मध्यप्रदेश सहकारी समिति अधिनियम 1960 के तहत पंजीबद्ध होना जरूरी होगा। जहाँ ये समितियां नहीं हैं वहां मार्कफेड से जुड़ी पंजीकृत विपणन सहकारी समितियाँ भी बतोर एजेंट धान खरीद सकेंगी। अन्य किसी समिति को यह अधिकार नहीं होगा।
खरीदी का लक्ष्य
धान खरीदी के लिए नागरिक आपूर्ति निगम और सहकारी विपणन संघ को 1-1 लाख मे. टन उपार्जन का लक्ष्य दिया गया है। इसी तरह 50 हजार मे. टन मक्का और ज्वार तथा बाजरा 5-5 हजार मे.टन खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। दोनों उपर्जान एजेंसियाँ इन लक्ष्यों के मुताबिक बारदाना, साख सीमा, भण्डारण और स्टॉफ का इंतजाम करेंगी। खरीदी केन्द्रों का निर्धारण कलेक्टरों की अध्यक्षता वाली समितियाँ करेंगी।
सिर्फ स्थानीय फसल और किसान को ही लाभ
समर्थन मूल्य पर धान तथा मोटे अनाज की खरीद केवल मध्यप्रदेश के किसानों और स्थानीय तौर पर उत्पादित फसल की ही होगी। इसी तरह खरीदी सीधे वास्तविक किसानों से होगी और बिचौलियों का दखल बिल्कुल नहीं रहेगा। संबंधित एजेंसियों और सारे संबंधित जिला कलेक्टरों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
उपार्जन एजेंसियाँ
धान का उपार्जन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ और मध्यप्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के जिम्मे किया गया है। ज्वार, बाजरा और मक्का की खरीद सिर्फ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम करेगी। उन 11 जिलों में जहाँ धान की फसल प्रमुखत: पैदा की जाती है वहाँ उपार्जन के लिए दोनों एजेंसियों के बीच जिले बाँट दिए गए हैं। अन्य धान उत्पादन वाले जिलों में भी उपार्जन कार्य का युक्तिसंगत बंटवारा किया गया है।
कृषि साख सेवा सहकारी समितियाँ होंगी एजेंट
उपरोक्त दोनों उपार्जन एजेंसियों के लिए धान एवं मोटे अनाज के उपार्जन का काम संबंधित क्षेत्रों की कृषि साख सेवा सहकारी समितियों के जरिए होगा और ये बतौर एजेंट काम करेंगी। इनका मध्यप्रदेश सहकारी समिति अधिनियम 1960 के तहत पंजीबद्ध होना जरूरी होगा। जहाँ ये समितियां नहीं हैं वहां मार्कफेड से जुड़ी पंजीकृत विपणन सहकारी समितियाँ भी बतोर एजेंट धान खरीद सकेंगी। अन्य किसी समिति को यह अधिकार नहीं होगा।
खरीदी का लक्ष्य
धान खरीदी के लिए नागरिक आपूर्ति निगम और सहकारी विपणन संघ को 1-1 लाख मे. टन उपार्जन का लक्ष्य दिया गया है। इसी तरह 50 हजार मे. टन मक्का और ज्वार तथा बाजरा 5-5 हजार मे.टन खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। दोनों उपर्जान एजेंसियाँ इन लक्ष्यों के मुताबिक बारदाना, साख सीमा, भण्डारण और स्टॉफ का इंतजाम करेंगी। खरीदी केन्द्रों का निर्धारण कलेक्टरों की अध्यक्षता वाली समितियाँ करेंगी।
सिर्फ स्थानीय फसल और किसान को ही लाभ
समर्थन मूल्य पर धान तथा मोटे अनाज की खरीद केवल मध्यप्रदेश के किसानों और स्थानीय तौर पर उत्पादित फसल की ही होगी। इसी तरह खरीदी सीधे वास्तविक किसानों से होगी और बिचौलियों का दखल बिल्कुल नहीं रहेगा। संबंधित एजेंसियों और सारे संबंधित जिला कलेक्टरों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
0 comments:
Post a Comment