मध्यप्रदेश मण्डी बोर्ड की कृषि अनुसंधान एवं अधोसंरचना विकास निधि से अनुदान मंजूरी के लिये गठित समिति की 36वीं बैठक आज मण्डी बोर्ड मुख्यालय, भोपाल में अपर मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती रंजना चौधरी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में समिति द्वारा अब तक स्वीकृत लगभग 85 करोड़ रुपये की 45 परियोजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति की समीक्षा की गई।
कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती चौधरी ने कहा कि सभी परियोजनाओं की सघन समीक्षा नियमित रूप से की जाये। यह सभी परियोजनाएं निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण हों। आज की बैठक में समिति के समक्ष 7 और नये प्रस्तावों पर विचार किया गया।
इनमें लघु वनोपज संघ भोपाल द्वारा रीवा में औषधीय एवं सुगंधीय पौधों के प्रशिक्षण, प्रसंस्करण, औद्योगिक विकास व हर्बल अवेयरनेस कार्यक्रम के विकास की परियोजना को मंजूरी दी गई। इस परियोजना की लागत लगभग 5.35 करोड़ रुपये है। बैठक में छिन्दवाड़ा वन मण्डल में औषधीय एवं सुगंधीय पौधों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिये परियोजना की शेष राशि जारी किये जाने पर भी स्वीकृति दी गई।
समिति द्वारा राजमाता विजयराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर के अधोसंरचना विकास पर होने वाले व्यय हेतु परियोजना पर भी विचार-विमर्श किया गया। बैठक में जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर की पूर्व में स्वीकृत तीन परियोजनाओं की अवधि मार्च 2010 तक बढ़ाये जाने की स्वीकृति दी गई।
कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती चौधरी ने निर्देश दिये कि मण्डी बोर्ड द्वारा तलेगांव (पुणे) महाराष्ट्र के पैटर्न पर प्रायोगिक तौर पर एक ऐसी कार्ययोजना प्रदेश में भी तैयार की जाये जिसमें फ्लोरीकल्चर के विकास के लिये किसानों को स्थान आवंटित किया जा सके।
बैठक में प्रमुख सचिव किसान कल्याण, प्रबंध संचालक मण्डी बोर्ड, संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती चौधरी ने कहा कि सभी परियोजनाओं की सघन समीक्षा नियमित रूप से की जाये। यह सभी परियोजनाएं निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण हों। आज की बैठक में समिति के समक्ष 7 और नये प्रस्तावों पर विचार किया गया।
इनमें लघु वनोपज संघ भोपाल द्वारा रीवा में औषधीय एवं सुगंधीय पौधों के प्रशिक्षण, प्रसंस्करण, औद्योगिक विकास व हर्बल अवेयरनेस कार्यक्रम के विकास की परियोजना को मंजूरी दी गई। इस परियोजना की लागत लगभग 5.35 करोड़ रुपये है। बैठक में छिन्दवाड़ा वन मण्डल में औषधीय एवं सुगंधीय पौधों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिये परियोजना की शेष राशि जारी किये जाने पर भी स्वीकृति दी गई।
समिति द्वारा राजमाता विजयराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर के अधोसंरचना विकास पर होने वाले व्यय हेतु परियोजना पर भी विचार-विमर्श किया गया। बैठक में जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर की पूर्व में स्वीकृत तीन परियोजनाओं की अवधि मार्च 2010 तक बढ़ाये जाने की स्वीकृति दी गई।
कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती चौधरी ने निर्देश दिये कि मण्डी बोर्ड द्वारा तलेगांव (पुणे) महाराष्ट्र के पैटर्न पर प्रायोगिक तौर पर एक ऐसी कार्ययोजना प्रदेश में भी तैयार की जाये जिसमें फ्लोरीकल्चर के विकास के लिये किसानों को स्थान आवंटित किया जा सके।
बैठक में प्रमुख सचिव किसान कल्याण, प्रबंध संचालक मण्डी बोर्ड, संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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