पिछले कुछ सालों से सूखे की मार झेल रहे बुंदेलखण्ड पर इस साल मानसून काफी मेहरबान रहा। जिसके चलते कृषि विभाग ने जिले मे रबी फसलों के रकबों करीब एक लाख हैक्टेयर की बढो़त्तरी की योजना बनाई है।
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक इस साल जिले मे 4 लाख 79 हजार हैक्टेयर मे रबी की फसलों की बुवाई का कार्यक्रम तैयार किया गया है। जो पिछले साल की तुलना मे 92 हजार हैक्टेयर ज्यादा है। बीते वर्ष 3 लाख 86 हजार हैक्टेयर क्षेत्र मे ही रबी की बुवाई की गई थी।
जिला मौसम विभाग के मुताबिक 15 सितंबर तक जिले मे 45 ईंच से ज्यादा वर्षा दर्ज की जा चुकी है। इससे किसानों के दिलों मे भी यह उम्मीद जगी है कि रबी की फसल की सिचांई के लिए उन्हें भरपूर पानी मिल सकेगा। हालांकि बाजार मे गेंहूं के अच्छे भाव मिलने से किसान गेहूं की फसल लेने के इच्छुक नजर आ रहे हैं।
गौरतलब है कि सागर जिले मे रबी फसल की बुवाई अक्टूबर की तीसरे हफ्ते के आस-पास शुरू होती है। जो नवंबर के आखिर तक पूरी हो जाती है।
इस सिलसिले मे उपसंचालक कृषि आईपी पटेल ने बताया कि रबी के सीजन मे किसानों को खाद व बीज की नहीं रहेगी। डीएपी खाद और बीज का जिले मे पर्याप्त भंडारण हो चुका है। खुरई और बीना तहसील मे तो करीब 25 फीसदी किसान बीज व खाद का पर्याप्त भंडारण कर चुके हैं।
श्री पटेल ने बताया कि सागर जिले मे रबी के सीजन मे खाद की 44 हजार 275 टन, बीज की 27 हजार क्विंटल, बीजोपचार की 230 क्विंटल, कल्चर की 2०10 लाख पैकिट जिप्सम की 300 टन व जिंक की 22 टन की मांग उठती है।
जिला मौसम विभाग के मुताबिक 15 सितंबर तक जिले मे 45 ईंच से ज्यादा वर्षा दर्ज की जा चुकी है। इससे किसानों के दिलों मे भी यह उम्मीद जगी है कि रबी की फसल की सिचांई के लिए उन्हें भरपूर पानी मिल सकेगा। हालांकि बाजार मे गेंहूं के अच्छे भाव मिलने से किसान गेहूं की फसल लेने के इच्छुक नजर आ रहे हैं।
गौरतलब है कि सागर जिले मे रबी फसल की बुवाई अक्टूबर की तीसरे हफ्ते के आस-पास शुरू होती है। जो नवंबर के आखिर तक पूरी हो जाती है।
इस सिलसिले मे उपसंचालक कृषि आईपी पटेल ने बताया कि रबी के सीजन मे किसानों को खाद व बीज की नहीं रहेगी। डीएपी खाद और बीज का जिले मे पर्याप्त भंडारण हो चुका है। खुरई और बीना तहसील मे तो करीब 25 फीसदी किसान बीज व खाद का पर्याप्त भंडारण कर चुके हैं।
श्री पटेल ने बताया कि सागर जिले मे रबी के सीजन मे खाद की 44 हजार 275 टन, बीज की 27 हजार क्विंटल, बीजोपचार की 230 क्विंटल, कल्चर की 2०10 लाख पैकिट जिप्सम की 300 टन व जिंक की 22 टन की मांग उठती है।
1 comments:
итак: прелестно! а82ч
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