सुधार न होने पर नई दिल्ली में मुख्यमंत्री एवं सांसद देंगे धरना
New Delhi:Wednesday, April 25, 2012
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहाँ मध्यप्रदेश के लोकसभा एवं राज्यसभा सांसदों के साथ बैठक कर प्रदेश में प्रचलित गेहूँ उपार्जन में बारदानों की कम आपूर्ति और उपार्जित गेहूँ के केन्द्र द्वारा उठाव की समस्याओं के संबंध में चर्चा की।
बैठक में चर्चा के बाद तय किया गया कि 30 अप्रैल तक बारदानों की आपूर्ति व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो सभी सांसदों के साथ मुख्यमंत्री भी दिल्ली में संसद भवन में महात्मा गाँधी की प्रतिमा के समक्ष बैठेंगे। बैठक में सांसद श्रीमती सुषमा स्वराज, श्रीमती सुमित्रा महाजन, श्रीमती माया सिंह एवं अन्य सांसद उपस्थित थे।
बैठक में श्री चौहान ने सांसदों को प्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी के लिये की गई व्यवस्थाओं की जानकारी दी। उन्होंने गेहूँ के लिये बारदानों की व्यवस्था के संबंध में बताया कि राज्य सरकार ने तीन लाख 19 हजार 150 बारदाना गठानों के लिये 5 अरब 65 करोड़ 24 लाख रुपये की राशि चैक द्वारा डीजीएसएण्डडी को समय-समय पर प्रदान की है। लेकिन पूर्व में निर्धारित समय-चक्र अनुसार बारदाने उपलब्ध नहीं हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि 3 लाख 19 हजार बारदाना गठानों के आदेश के विरुद्ध अभी 1 लाख 73 हजार गठानें ही प्राप्त हुई हैं।
श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में अभी तक 36 लाख मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन हो चुका है। आगामी 20 मई तक कुल करीब 80 लाख मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि भारतीय खाद्य निगम से निवेदन किया गया था कि उपार्जन अवधि के 10 सप्ताह के दौरान प्रति सप्ताह एक लाख मीट्रिक टन का उठाव प्रदेश के बाहर किया जाये ताकि कम से कम 10 लाख मीट्रिक टन गेहूँ को कच्चे कैप में भण्डारण से बचाया जा सके। इसके विपरीत भारतीय खाद्य निगम द्वारा मात्र एक लाख मीट्रिक टन प्रतिमाह का गेहूँ उठाव का कोटा मध्यप्रदेश को दिया है जबकि अन्य राज्यों से कई गुना ज्यादा उठाव किया जा रहा है।
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