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Monday, November 30, 2009

प्रदेश में अब तक 75 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में रबी की बोनी हुई

रबी सीजन में किसानों को 7.14 लाख मेट्रिक टन उर्वरक का वितरण
मध्यप्रदेश में इस वर्ष रबी सीजन में किसानों द्वारा 75 लाख 6 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी का कार्य किया जा चुका है। इस वर्ष प्रदेश में रबी सीजन में 92 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी किये जाने का कार्यक्रम तय किया गया है। प्रदेश के कुछ जिलों में अल्प वर्षा के कारण 84.45 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में रबी की बोनी की संभावना व्यक्त की गई थी। 
अक्टूबर एवं नवम्बर माह में अच्छी बारिश होने के कारण रबी का 8 लाख हेक्टेयर रकबा और बढ़ा। इस कारण रसायन उर्वरक की मांग बढ़ी। प्रदेश में किसानों को उनकी मांग के अनुसार रसायन उर्वरक मिल सके इसके लिये किसान कल्याण विभाग द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती रंजना चौधरी की अध्यक्षता में मंत्रालय में नियमित रूप से समीक्षा की जा रही है।
प्रदेश में 75 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी का कार्य पूरा 92 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी का लक्ष्य
किसानों को 7 लाख मेट्रिक टन से अधिक रसायन का वितरण
गेहूँ की बोनी 35 लाख हेक्टेयर के विरूद्ध 25 लाख हेक्टेयर में पूरी
प्रदेश में अब तक 75 लाख 6 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में रबी की बोनी की गई है। इसमें चना 29 लाख 6 हजार हेक्टेयर, मसूर 6 लाख 30 हजार हेक्टेयर, सरसो 8 लाख 73 हजार हेक्टेयर, गेहूँ 25 लाख 4 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में प्रमुख रूप से बोया जा चुका है। प्रदेश में इन दिनों गेहूँ की बोनी का कार्य तेज गति से चल रहा है। प्रदेश में इस वर्ष रबी सीजन में 35 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूँ की बोनी किये जाने का कार्यक्रम तय किया गया है। 
अब तक सर्वाधिक बोनी उज्जैन संभाग में 97 प्रतिशत, सागर संभाग में 93 प्रतिशत, शहडोल जिले में 89 प्रतिशत, रीवा में 85 प्रतिशत, भोपाल में 84 प्रतिशत, चम्बल संभाग में 83 प्रतिशत, ग्वालियर में 81 प्रतिशत, इंदौर में 78 प्रतिशत एवं जबलपुर संभाग में 69 प्रतिशत बोनी का कार्य पूरा किया जा चुका है। नर्मदापुरम् संभाग में बोनी का कार्य किसानों द्वारा तेज गति से किया जा रहा है।
प्रदेश में किसानों को उनकी मांग के अनुसार 7 लाख 14 हजार मेट्रिक टन उर्वरक वितरण किया जा चुका है। इसमें यूरिया 3.28 लाख मेट्रिक टन, डीएपी 2.33 लाख, काम्पलेक्स 39 हजार, सुपर फास्फेट 90 हजार एवं पोटाश 20 हजार मेट्रिक टन वितरित किया जा चुका है। प्रदेश में यूरिया की मांग के अनुपात में पूर्ति हो सके इसके लिये कृषि विभाग के अधिकारी केन्द्रीय रसायन मंत्रालय से लगातार सम्पर्क कर रहे हैं। रसायन उर्वरक के रैक नियमित रूप से जिलों में पहुंच सके इसके लिये रेल मंत्रालय से भी लगातार अनुरोध किया जा रहा है।

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