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Thursday, October 15, 2009

बीज वितरण प्रक्रिया निर्धारित

प्रमाणित बीजों के वितरण का लाभ कृषकों को देने के उद्देश्य से राज्यशासन व्दारा बीज वितरण प्रक्रिया निर्धारित की गई है। किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग व्दारा इस संबंध में जारी निर्देशों के अनुसार संस्थाओं के पास उपलब्ध प्रमाणित बीज का न्यूनतम 90प्रतिशत बीज प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से करना अनिवार्य होगा तथा अधिकतमबीज का संस्थाएं स्वंय नगद में विक्रय कर सकेगी।
एक कृषक को दलहनी एवं तिलहनी फसलों हेतु अधिकतम 2 हेक्टर एवं गेहूं के लिए अधिकतम 5 हेक्टर तक के लिए उपयोग में लाए जाने वाले बीज पर ही वितरण अनुदान की पात्रता होगी अर्थात इस सीमा में ही बीज वितरण अनुदान मिलेगा। नगद राशि पर बीज प्रदाय की मात्रा का इन्द्राज कृषक की ऋण पुस्तिका में प्रदाय संस्थाको करना अनिवार्य होगा।
बीज उत्पादक सहकारी समितियों के कृषक सदस्य, जिन्हे उनकी समितियां निर्धारित मात्रा तक प्रमाणित बीज प्रदाय करती है, को उनकी सूची कृषि साख सहकारी समितियों को उपलब्ध कराई जाने पर इन मात्राओं पर वितरण अनुदान की पात्रता होगी।
कृषि साख सहकारी समितियों एवं बीज उत्पादक संस्थाओं अथवा समितियों व्दारा वितरित बीज के लिए वितरण अनुदान सीधे उप संचालक कृषि व्दारा उन्हे प्रदाय किया जाएगा। सहकारी समितियों, संस्थाओं के व्दारा कृषकों की अनुदान राशि उनके बैंक खाते में क्रेडिट की जाएगी।
जिन कृषकों ने नगद क्रय किया है उन्हे अनुदान की राशि का भुगतान अकाऊंट पेयी चेक के माध्यम से किया जाएगा।बीज वितरण करने वाली संस्थाओ को अनुदान का भुगतान प्राप्त करने हेतु कृषकों की जानकारी निर्धारित प्रारूप में संधारितकरनी होगी और इसी प्रारूप के आधार पर विभाग व्दारा अनुदान की राशि उपलब्ध कराईजाएगी।
कृषि साख सहकारी समितियों व्दारा बीजों का वितरण निर्धारित मानकों के अनुसार सामान्य वर्ग,अनुसूचितजाति एवं जनजाति वर्ग के कृषकों को किया जायेगा। उसी के अनुसार विभाग व्दारा बीज वितरण अनुदान की राशि कृषि साख सहकारी समितियों को मदवार उपलब्ध कराई जाएगी।
इसी तरह डीपीआईपी व्दारा गठित बीज उत्पादक कंपनियों एवं अन्य पात्र संस्थाएं जैसे तिलहन संघ, कृभकों,सोपा आदि व्दारा वितरण किए जानेवाले बीजों पर भी उपरोक्त प्रक्रिया के अनुसार ही अनुदान दिया जाएगा। कृषि साख सहकारी समितियों व्दारा बीज उठाते समय बीज उत्पादन संस्था के केन्द्र अथवा विपणन संघ के डबललॉक केन्द्र को रिलीज (आर्डर) एवं उसके साथ बीज मात्रा की राशि का डिमांड ड्राफ्ट (कमीशन की राशि को घटाने के पश्चात) संलग्न किया जाएगा।
कृषि साख सहकारी समितियों व्दारा उठाई जाने वाली (संस्था के केन्द्र अथवा विपणन संघ के डबललॉक) बीज मात्रा का शत प्रतिशत विक्रय करना होगा। समिति व्दारा प्राप्त किए गए बीज को संस्था व्दारा वापस नहीं लिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार की योजनाओं के अंतर्गत वर्ष 2009-10में उपलब्ध अनुदान की राशि को दृष्टिगत रखते हुए समस्त दलहनी, तिलहनी फसलों पर एक हजार रूपए प्रति क्विंटल बीज उत्पादन अनुदान (750रूपए बीज उत्पादक कृषक एवं 250 रूपए संस्था को प्राप्त होगा) दिया जाएगा। दस वर्ष की अवधि की गेहूं की अधिसूचित किस्मों पर 300रूपए प्रतिक्विंटल की दर से बीज उत्पादन अनुदान संस्था को देय होगा।
जिलास्तर पर बीज उत्पादन अनुदान का उपसंचालक कृषि यथाशीघ्र संस्था को भुगतान करेगें,ताकि बीज उत्पादक कृषक को संस्था व्दारा अनुदान यथाशीघ्र भुगतान किया जा सके।भारत सरकार की आईसोपॉम योजना के अंतर्गत समस्त रबी दलहनी,तिलहनी फसलों पर 2000रूपए अथवा लागत का 50प्रतिशत प्रति क्विंटल की दर से जो भी कम हो कृषक को बीज वितरण पर अनुदान दिया जाएगा।राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत गेहूं की समस्त अधिसूचित किस्मों पर 700रूपए प्रति क्विंटल की दर से बीज वितरण अनुदान कृषकों को दिया जाएगा।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजनांतर्गत दलहनी एवं गेहूं की फसलों की सभी अधिसूचित किस्में पर अवधि का कोई बंधन नहीं है। मिशन के अंतर्गत जिलो में लाभ मिशन से देय होगा तथा प्रदेश के शेष जिलों में वितरण अनुदान आईसीडीपी या राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से देय होगा।

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