खरीफ-२०१० के लिये ११ लाख क्विंटल बीज वितरण का लक्ष्य
दमोह : १५ जून, २०१०
खरीफ फसलों के उन्नत एवं प्रमाणित बीजों की पर्याप्त व्यवस्था किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा की जा चुकी है। इनका विन्नᆬय शासन द्वारा घोषित दरों पर किया जाता है, जिन पर सभी वर्ग के किसानों के लिये निर्धारित अनुदान भी देय होता है।
गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष बीज वितरण का लक्ष्य तथा बीज की उपलब्धता काफी अधिक है। खरीफ की सभी फसलों के कुल मिलाकर १० लाख ६३ हजार ५१० क्विंटल बीजों का वितरण गत वर्ष खरीफ में किया गया था, जिनकी तुलना में इस वर्ष १३ लाख १६ हजार ३०० क्विंटल बीज वितरण का लक्ष्य रखा गया है। जिनकी आपूर्ति कई शासकीय, अशासकीय तथा निजी संस्थाओं के साथ ग्रामीण स्तर पर किसानों द्वारा बीजोत्पादन कार्यन्नᆬम संचालित कर रही बीज समितियों से भी की जायेगी। वर्तमान में उपलब्ध जानकारी के अनुसार सभी फसलों के २० लाख ८२ हजार २२६ क्विंटल बीज उपलब्ध हैं जो लक्ष्य की तुलना में १५८ प्रतिशत तथा विगत खरीफ में वितरित कुल उन्नत बीजों का १९५ प्रतिशत है।
तिलहनी फसलों के साथ इस वर्ष दलहनी फसलों के बीज की व्यवस्था के लिये काफी अधिक प्रयास किये गये हैं जिसके फलस्वरूप गत वर्ष खरीफ मौसम में लिये गये दलहन बीज वितरण १३ हजार २०३ क्विंटल की तुलना में इस बार २५ हजार ९५८ क्विंटल तथा तिलहन ९ लाख १२ हजार ५२७ क्विंटल की तुलना में अबकि १८ लाख ७४ हजार ०८१ क्विंटल बीज उपलब्ध है।
हालाकि खरीफ फसलों के खाद्यान्न बीज की उपलब्धता भी गत वर्ष वितरित १ लाख ३१ हजार ००६ क्विंटल के मुकाबले १ लाख ७५ हजार ०३६ क्विंटल है।
प्रदेश में सोयाबीन के सर्वाधिक रकबे को देखते हुए गत वर्ष ९ लाख १० हजार १०० क्विंटल बीज वितरण से आगे निकलकर खरीफ-२०१० के लिये ११ लाख क्विंटल बीज वितरण का लक्ष्य रखा गया है जिसके लिये विभिन्न स्तरों को चाक-चौबंद कर बनाई गई रणनीति के कारण १८ लाख ६९ हजार ३०८ क्विंटल बीज की उपलब्धता हो चुकी है। इस वर्ष किसानों को कई नई किस्मों का सोयाबीन बीज उपलब्ध कराया जा रहा है।
उ्वेखनीय है कि मध्यप्रदेश को सबसे बड़े बीज उत्पादक एवं वितरक राज्य का दर्जा हासिल है। संचालक कृषि डॉ. डी.एन. शर्मा के अनुसार उन्नत बीज बोने का सीधा प्रभाव उत्पादन वृद्धि पर पड़ता है तथा लगभग १५ प्रतिशत से अधिक तक उत्पादकता मानक स्तर का बीज बोकर बढ़ाई जा सकती है।
इसी सिलसिले में उपसंचालक कृषि दमोह ने बताया है कि जिले में सोयाबीन बीज की मांग १३ हजार क्विंटल की है जिसके विरूद्ध २० हजार क्विंटल बीज की उपलब्धता है। उन्होंने बताया कि पतली किस्म के धान बीज की उपलब्धता १२०० क्विंटल की है तथा ९० दिन में पकने वाली बंदना किस्म धान का ४५ क्विंटल बीज उपलब्ध है।
जिले में अरहर बीज की ४०० क्विंटल की मांग के विरूद्ध ४५० क्विंटल बीज की व्यवस्था की गई है, उड़द-मूंग के बीज व्यवस्था अंतर्गत ३०० क्विंटल की व्यवस्था राष्ट्रीय बीज निगम से की गई है। उन्होंने कहा है कि जिले में खरीफ फसलों के लिये पर्याप्त बीज की व्यवस्था है।
उ्वेखनीय है कि मध्यप्रदेश को सबसे बड़े बीज उत्पादक एवं वितरक राज्य का दर्जा हासिल है। संचालक कृषि डॉ. डी.एन. शर्मा के अनुसार उन्नत बीज बोने का सीधा प्रभाव उत्पादन वृद्धि पर पड़ता है तथा लगभग १५ प्रतिशत से अधिक तक उत्पादकता मानक स्तर का बीज बोकर बढ़ाई जा सकती है।
इसी सिलसिले में उपसंचालक कृषि दमोह ने बताया है कि जिले में सोयाबीन बीज की मांग १३ हजार क्विंटल की है जिसके विरूद्ध २० हजार क्विंटल बीज की उपलब्धता है। उन्होंने बताया कि पतली किस्म के धान बीज की उपलब्धता १२०० क्विंटल की है तथा ९० दिन में पकने वाली बंदना किस्म धान का ४५ क्विंटल बीज उपलब्ध है।
जिले में अरहर बीज की ४०० क्विंटल की मांग के विरूद्ध ४५० क्विंटल बीज की व्यवस्था की गई है, उड़द-मूंग के बीज व्यवस्था अंतर्गत ३०० क्विंटल की व्यवस्था राष्ट्रीय बीज निगम से की गई है। उन्होंने कहा है कि जिले में खरीफ फसलों के लिये पर्याप्त बीज की व्यवस्था है।
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